Desi Kahani - छोटे बच्चों के लिए 3 देसी कहानी [Part I]

3 Desi Kahani – बच्चो की कहानियां अच्छी अच्छी 



आज के इस आर्टिकल में हम आपको 3 देसी कहानी , या बच्चो की कहानियां अच्छी अच्छी बताएंगे। जिससे बच्चो को ज्ञानवर्धक लगेगा और हमारी Desi Kahani से बच्चे बहुत कुछ सीख सकते है , और उससे अपने जीवन मे अपना सकते है हमारे द्वारा बताए गई अच्छी अच्छी कहानी 


आज की अच्छी अच्छी देसी कहानी के अलावा हम आपको बच्चो की कहानियां की यूट्यूब वीडियो भी देगे जिसे देखकर भी आप लुप्त उठा सकते है। चलिए अब हम अच्छी अच्छी कहानियां शुरुआत करते हैं।


देसी कहनी – 
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छोटे बच्चो के लिए कहानियां – Desi Kahani बच्चो के लिए 




1. घमंडी केशव की कहानी :


रामपुर में केशव नाम का बच्चा रहता था। एक दिन उसके मामाजी विदेश से उसके लिए एक नई और महंगी सी गेंद लाए। उसी दिन से वह बदल गया और घमंडी में हो गया। अब वह दूसरे बच्चों के साथ खेलता भी नहीं था, बस अपनी ही गेंद के साथ अकेला खेला दे करता था और अगर कोई उससे खेलने के लिए पूछता तो वह बदतमीजी के साथ मना कर देता। 


एक दिन सभी बच्चे इकट्ठे होकर उसे चिढ़ाने लगे और कहने लगे कि तुम्हारी गेंद तो बहुत कमजोर है और बहुत जल्द ही फट जाएगी। इस बात पर केशव को गुस्सा आ गया और उसने बात लगाई कि पास खड़ी गाड़ी के नीचे जो भी अपनी बॉल रखकर उसके चलने के बाद अपनी बॉल को सही-सलामत पाएगा, वो जीत जाएगा।




यह सुनकर केशव ने अपनी गेंद एक गाड़ी के नीचे रख दी और जैसे ही वह गाड़ी चली, उसकी गेंद के टुकड़े-टुकड़े हो गए। केशव रोता हुआ अपने घर चला गया। 


उसे रोता देख उसके मामा को उस पर तरस आ गया और उन्होंने उसको महंगी तो नहीं, परंतु साधारण गेंद दिलवा दी। अब उसका घमंड चूर चूर हो गया था तथा उसे ग्लानि महसूस हो रही थी।





अच्छी अच्छी कहानियां , देसी कहानी छोटे बच्चो के लिए 




2. सबक की कहानी : 


रोहन आज लंचबॉक्स में पिज्जा लाया था और सबको दिखा दिखाकर खा रहा था। यह लगभग रोजाना की ही बात थी, वह किसी न किसी तरह अपनी रईसी दिखाता था- कभी इंपोर्टेड पेन ले आता, कभी महंगी-महंगी घड़ियां पहनकर आता। 


उसे अपने पैसे, अपनी शानो-शौकत का दिखावा करने में बहुत मजा आता था। पढ़ने में उसका मन नहीं लगता था, बस हमेशा वह दूसरों को नीचा दिखाने का मौका ढूंढता रहता था। उसका कोई दोस्त भी नहीं था और उसे इस बात से कोई फर्क भी नहीं पड़ता था, वह तो अपनी शान में ही मस्त रहता था। 


उसी कक्षा में एक छात्र था विकास, जो गरीब था, लेकिन पढ़ने में बहुत अच्छा था। सभी छात्र और शिक्षक उसको बहुत प्यार करते थे, लेकिन रोहन तो उससे बात करना पसंद नहीं करता था और उसे हमेशा 'पूअर बॉय' कहकर उसकी खिल्ली उड़ाता था। विकास उसे कुछ नहीं कहता, हमेशा मुस्कुराते रहता था।




एक दिन रोहन की महंगी घड़ी कक्षा में गुम हो गई, उसने विकास पर चोरी का आरोप लगाकर टीचर से शिकायत कर दी। विकास के बैग और यूनिफॉर्म की तलाशी ली गई. लेकिन कुछ नहीं मिला, तभी स्कूल के चपरासी ने घड़ी लाकर टीचर को दी और कहा कि कोई बच्चा वाटर कूलर के पास यह घड़ी छोड़ आया था, क्या यह आपकी कक्षा में से किसी बच्चे की है?


टीचर ने घड़ी चपरासी से लेकर रोहन को देते हुए कहा 'रोहन तुम खुद लापरवाही करते हो और बिना सोचे-समझे किसी पर भी आरोप लगा देते हो, यह अच्छी बात नहीं है' रोहन बेशर्मी से हंसने लगा। अगले दिन रोहन लंच कर था। 




वह आज लंच में बर्गर लाया था और जल्दी जल्दी खा रहा था, तभी अचानक कौर उसके गले में फंस गया और उसे जोर का ठसका लग गया। वह हैरान-परेशान हो अपनी वाटर बॉटल ढूंढने लगा, पर वह वहां नहीं थी। 


उसके के कारण उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। तभी विकास उसके पास आया और अपनी बॉटल से उसे पानी पिलाने लगा। साथ ही उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा। 


रोहन को बहुत शर्मिंदगी महसूस हो रही थी कि कल उसने बेवजह विकास पर घड़ी चुराने का आरोप लगाया था और आज वही उसके काम आया। 




उसने विकास से माफी मांगी और भविष्य में कभी भी ऐसा कोई काम न करने की प्रतिज्ञा ली, जिससे किसी को भी दुख न पंहुचे। तभी एक छात्र रोहन की वाटर बॉटल लेकर आया और बोला- 'तुम अपनी बॉटल प्लेग्राउंड में भूल आए।' रोहन ने कहा- 'थैंक्यू फ्रेंड'। 


सभी बच्चे रोहन के बदले हुए स्वरूप से बहुत खुश थे। रोहन को भी सबक मिल गया था। 




छोटे बच्चो के लिए कहानी सुनाओ – देसी कहानी अच्छी अच्छी 




3. चोर और आंटी की कहानी : 


एक बार की बात है, लेकिन दो बार हर्ड थी । पहली बार तो आंटी के सामने से चोर – चोरी करके भाग गया था, लेकिन आंटी रोज सोचती थी कि काश ! दूसरी बार चोर आए तो वह पिछली गलती सुधारेंगी और उसे चोरी नहीं करने देगी। इसलिए वो रोज दरवाजा खुला छोड़कर छत पर चली जाती थीं कि कभी तो कोई चोर आएगा।


एक दिन आंटी की इच्छा पूरी हुई। चोर घर में घुस गया। किसी को न पाकर उसने अलमारियां खंगालना शुरू की, पहली अलमारी में आंटी के कपड़े ही कपड़े थे। उसने बोर होकर अलमारी बंद कर दी। दूसरी अलमारी में भी बच्चों के कपड़े थे।




चोर ने झल्लाकर वो अलमारी भी धाइ से बंद कर दी। अलमारी से जो झटका लग तो एक रेडियो नीचे गिरा और उसमें गाना बजने लगा'चोर चोर, चोर चोर..' चोर ने उस रेडियो को बंद करने की कोशिश की, लेकिन वो बंद नहीं हुआ। 


कोई सुन न ले इसलिए चोर ने उसे बिस्तर के नीचे छुपा दिया, लेकिन आंटी तक कुछ आवाज पहुंच गई। अब दबे पांव आंटी छत से नीचे आई और इधर चोर दबे पांव बिस्तर के नीचे छुप गया। आंटी को रेडियो की आवाज आ रही थी, लेकिन रेडियो दिख नहीं रहा था। 


अब रेडियो पर गाना बज रहा था : 'लुका छुपी बहुत हुई, सामने आ जा ना..' फिर आंटी ने परदे हटाकर देखा, लेकिन उसके पीछे तो खिड़की थी। बालकनी का दरवाजा खोलकर देखा, तो वहां गमले थे, लेकिन चोर नहीं था। 




आंटी ने बालकनी का दरवाजा फिर भीतर से बंद कर दिया। उधर, बिस्तर के नीचे चोर ने अपनी जेब से पिस्तौल निकालकर देखी, तो उसमें वह गोली भरना भूल गया था। उसने अपनी बेवकूफी पर गुस्सा होते हुए पिस्तौल से अपने सिर पर मारा तो पिस्तोल हाथ से गिर गई। 


फिर आवाज हुई। आहट सुनकर आंटी ने एक बेट हाथ में उठाकर एक तरफ से बिस्तर के नीचे झांका तो दूसरी तरफ से चोर बिस्तर के नीचे से बाहर निकलने को हुआ। "ओए, बाहर निकल, आंटी ने कहा तो बिस्तर की दूसरी तरफ से पिस्तौल दिखाकर चोर ने कहा हैइस अप। 


आंटी ने घबराकर हाथ उठा थिए तो बैट चलते हुए पंखे से टकराया और जोर की आवाज हई। आंटी और चोर दोनों डरकर बिस्तर के नीचे छुप गए। अब रेडियो पर गाना बज रहा था- 'धीरे से जाना खटियन में, रेखटमल..। 


पंखा गिर पड़ा और फिर समाटा.... जब बोरिंग लगने लगी तो दोनों ने एक-दूसरे को देखा और फिर दोनों बिस्तर के दोनों तरफ खड़े हो गए। उन्होंने एकदूसरे को पकड़ने और एक-दूसरे से बचने के लिए बिस्तर के इधर-उधर चक्कर लगाए।




फिर चोर ने कहा 'आंटी जी, बैट फेक दो नहीं तो गोली मार दंगा' आंटी ने कहा 'तुमने गोली चलाई तो मैं पुलिस को फोन कर दंगी। आंटी ने एक बैट बिस्तर पर मारा तो रेडियो बिस्तर के नीचे से बाहर आ गया और अब तेज आवाज में गाना बजने लगा- 'ओटी पुलिस बुला लेगी..' 'ये तो मेरा फेवरेट सॉन्ग है...' कहकर चोर नाचने लगा। 


इस मौके का फायदा उठाकर बिस्तर परचढ़कर आंटी ने उसके हाथ से पिस्तौल छीनने की कोशिश की, लेकिन चोर दूसरे कमरे में भागने में कामयाब हो गया। अब आंटी ने कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। चोर थोड़ी देर दरवाजा खुलवाने की जिद करने के बाद रोने लग गया। 'सॉरी आंटी, अब चोरी नहीं करूंगा। 


मुझे जाने दो प्लीज'. लेकिन आंटी ने कहा कि पिछली बार जो तुम मेरी ज्वेलरी चुरा ले गए थे, वो लौटाओ, तो जाने दूंगी। चोर ने अपने बैग से ज्वेलरी निकालकर दे दी, जो वो थोड़ी देर पहले दूसरी आंटी के यहां से चुराकर लाया था। 


आंटी ने देखा और उन्हें समझ आ गया कि ये ज्वेलरी तो उनकी नहीं है, लेकिन उनकी ज्वेलरी से काफी अच्छी थी, इसलिए आंटी ने खुशी से वो ज्वेलरी रख ली और चोर को जाने दिया। चोर रोते हुए जा रहा था और अब रेडियो पर गाना बज रहा था- 'तेरी गठरी में लागा चोर मुसाफिर, देख चांद की ओर...।'





Desi Kahani छोटे बच्चो के लिए जाने Youtube Video से 


1. यमराज की शाही दावत मे पेटू: 




यूट्यूब वीडियो मैसेज पहली देसीकहानी या छोटे बच्चों के लिए कहानी में है यमराज की दावत में पेटू। यह भी मजेदार कहानी है जिसे हम आपके लिए छठ कर लाए हैं। 


2. देसी जिम की कहानी : 




देसी जिम की देसी कहनी आज हम आपके के लिए Desi Kahani मैं देसी जिम की कहानी लेकर आए या छोटे बच्चों की कहानी है। 


3. जादुई सिलाई मशीन : 




अच्छी अच्छी कहानी मे आज की देसी कहानी जादुई सिलाई की मशीन जो छोटे बच्चों की कहानी जिसे हम आपके लिए छठ कर लेकर आए। आप इस desikahani को पढ़कर लुप्त उठा सकते है।


हम आशा करते है की आपको आज की देसी कहानी या हमारे द्वारा बताई हुई बच्चो की अच्छी अच्छी कहानी पसंद आई होगी। अगर हां तो इस आर्टिकल को आपको स्नेही जनों के साथ अवश्य शेयर करें और उन्हें भी Desi Kahani या अच्छी अच्छी कहानी पढ़ने का मौका दें।



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