5 Moral Story In Hindi – Desi Kahani ( छोटे बच्चो की कहानियां ) , Kahani Achi Achi

5 Moral Story In Hindi – Desi Kahani ( छोटे बच्चो की कहानियां ) , Kahani Achi Achi 



आज की Moral Story In Hindi ( मोरल स्टोरी इन हिंदी ) , kahani achi achi और hindi mein kahani मे हम आज 5 छोटे बच्चो की कहानियां , Desi Kahaniकहानी इन हिंदी पड़ेंगे। कहानी सुनाओ

Moral Story In Hindi , Hindi Moral Story या देसी कहानी आज की 5 बच्चो की मनोरंजक कहानियां लेकर आपके लिए आए है , जिसे पढ़कर आपको जीवन की नैतिक शिक्षा मिलेगी । कहानी बताइए 


This 5 Desi Kahani & Hindi Mein Kahani Covers Different Morality Ideas and different integrity values 

Moral Story In Hindi
Moral Story In Hindi 

छोटे बच्चो की कहानियां – Hindi Mein Kahani (कहानी अच्छी अच्छी ) , Kahani Achi Achi


१. ईमानदार बालक

( Hindi Story Based On Honesty )



राजेश बहुत ही प्यारा बालक था। वह कक्षा दूसरी में पढ़ता। राजेश विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस का राष्ट्रीय त्यौहार मनाया जाने वाला था। राजेश  बहुत उत्साहित था इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए।

राजेश की कक्षा अध्यापिका ने स्वतंत्रता दिवस की परेड–ड्रिल में भाग लेने के लिए बोला था। उसके खुशी का कोई ठिकाना नहीं था , वह खुशी-खुशी इस प्रौग्राम में शामिल होने के लिए तैयारियां करने लगा।

स्वतंत्रता दिवस की होने वाली परेड–ड्रिल में सभी साथियों के साथ प्रथम अभ्यास निरंतर करता रहा और अत्यंत उमंग से भरा हुआ था। परेड–ड्रिल वाले दिन जब वह विद्यालय के लिए तैयार होने लगा तो राजेश ने अपने दादू  को खोजा। दादू राजेश के साथ निरंतर विद्यालय जाया करते थे उसे पहुँचाने।

किंतु दादू नहीं मिले  मम्मी से पूछा तो मम्मी ने बताया दादू ग्राम–खेड़ा गए हैं।
वहां दादी का स्वस्थ खराब है , और हस्पताल में है।
पापाजी भी गए हुए हैं , अब मैं तुम्हें विद्यालय पहुंचा कर ग्राम–खेड़ा निकलूंगी।

राजेश ने यह बात सुनी तो बहुत दुखी हुआ और वह खुद भी दादी के पास जाने के लिए जिद करने लगा।
इस पर उसकी मम्मी राजेश  को अपने साथ लेकर ग्राम–खेड़ा चली गई।

जब वह कुछ दिन बाद विद्यालय पहुंचा वहां , प्रधानाध्यापक ने उन सभी बालकों को बुलाया जिन्होंने परेड–ड्रिल में भाग नहीं लिया था।  इस पर राजेश का नाम नहीं पुकारा गया , बाकी सभी विद्यार्थियों को उनके अभिभावक को लाने के लिए कहा गया।

राजेश ने सोचा कि मेरा नाम प्रधानाध्यापक ने नहीं बोला लगता है वह भूल गए होंगे। राजेश  प्रधानाध्यापक के ऑफिस में गया और उसने प्रधानाध्यापक से कहा कि ‘ मैं भी उस दिन परेड–ड्रिल में नहीं आया था।

मगर आपने मेरा नाम नहीं लिया क्या मुझे भी अपने मम्मी-पापा को बुलाकर लाना है ? ‘

राजेश के इस सरल प्रवृत्ति को देखकर प्रधानाध्यापक खुशी हुए और उन्होंने राजेश से बताया कि तुम्हारे मम्मी-पापा ने फोन करके तुम्हारे विद्यालय ना आने का कारण मुझे पहले ही बता दिया था।
तुम्हारी इमानदारी से मुझे खुशी हुई।

तुम अच्छे से अपना अध्ययन करो और अगली बार परेड–ड्रिल में निश्चित रूप से भाग लेना।

छोटे बच्चो की कहानियां निष्कर्ष –
हमेशा  सच बोलना चाहिए और सच का साथ देना चाहिए। मनुष्य का प्रवृत्ति ही उस मनुष्य का परिचय है।
Moral Story In Hindi Summary :– 
we should always be honest what ever the situation is. Most of the time we can win heart ❤️ of others just by being honest.?

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चलिए अब हम अपनी दूसरी Desi Kahani , अच्छी अच्छी कहानी – New Kahaniyan की ओर बढ़ते है।


२. संगति का असर 
( Hindi Story on effect of consistency)


अखिल – निखिल दो भाई थे , दोनों एक ही स्कूल में पढ़ा करते थे और यहां तक कि एक ही क्लास में। किंतु अखिल पढ़ने में होशियार था। 

वही उसका भाई निखिल पढ़ने से बचता था , और ना पढ़ने के ढेरों बहाने ढूंढता था। अखिल के मित्र पढ़ने वाले थे और निखिल के मित्र ना पढ़ने वाले और काम चोरी करने वाले  थे।

अखिल अपने भाई निखिल को उन दोस्तों से बचने के लिए कहा करता , मगर निखिल उसे चिलालगा देता और कहता अपने काम से काम रखा करो। निखिल के मित्र घर से स्कूल जाने के लिए निकलते और रास्ते में कहीं और चले जाते।

कभी पार्क में बैठते , कभी जाकर कहीं खाना-पीना , मौज – मस्ती करते , और कभी मूवी देखा करते थे।
निखिल भी उनकी संगत में आ गया और वह भी धीरे-धीरे स्कूल जाने से बचता रहता।

निखिल भी उन दोस्तों के साथ बाहर में खाना – पीना और मौज – मस्ती करता।

अखिल उसके इस प्रकार की बेईमानी से बहुत चिंतित था। निखिल से  पेपर में फेल होने की बात भी कही मगर निखिल ने  नहीं माना। एक दिन की बात है निखिल स्कूल जा रहा था ,  उसके मित्र मिल गए और उन्होंने कहा आज स्कूल नहीं जाना है।

हम सभी अपने मित्र हरि का बर्थडे मनाएंगे और बाहर खाना – पीना करेंगे और खूब मजे करेंगे। पहले तो निखिल ने मना किया किंतु दोस्तों के बार-बार बोलने पर वह उनके साथ चला गया।

निखिल और उसके मित्रों ने खूब पार्टी करी और उस दिन स्कूल नहीं गये।  इस प्रकार का काम वह और उसके मित्र हमेशा करते रहते।


पेपर हुई जिसमें निखिल और उसके मित्र पास नहीं हो पाए वह सब फेल हो गए।
अखिल ने इस बार भी और हर बार की तरह फर्स्ट आया ।

निखिल अपने घर मार्कशीट लेकर गया जिस पर उसके माता-पिता ने देखा और बहुत उदास हुए। उन्हें उदासी हुई कि एक मेरा बेटा इतना अच्छा पढ़ने में है और दूसरा इतना नालायक।

निखिल किसी भी विषय में  पास नहीं हो पाया।निखिल के माता -पिता को  बहुत दुखी हुई उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा मगर अंदर ही अंदर वह बहुत दुखी होते रहे।

उन्होंने सोचा कि अब मैं दूसरे लोगों को क्या बताऊंगा कि मेरा बेटा एक भी विषय में पास नहीं हो पाया। इस प्रकार माँ – पिताजी को  निखिल ने  बहुत चिंतित वह दुखी देखा जिस पर उसे भी दुख हुआ। निखिल ने अपने मम्मी-पापा को भरोसा दिलाया कि मैं अगले पेपर में पास होकर दिखायेगा।

अभी तक अपने 5 Moral story in Hindi का आधा भाग पढ़ लिया है, ऐसे ही Desi Kahani ( kahani in hindi ) पढ़कर आपको कैसा लगा पूरी कहानी के जरुरु बताये...! 👇👀👇 

निखिल ने अपने उन सब दोस्तों को छोड़ दिया जिन्होंने उसकी पासता में उसका रास्ता रोका रहे थे।

उन सभी छल – फरेब करने वाले दोस्तों को छोड़कर अपनी पढ़ाई में ध्यान लगाया। नतीजा यह हुआ कि साल भर की मेहनत से वह पेपर में पास ही नहीं अपितु स्कूल में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया।

इस पर उसके माता – पिता को बहुत खुशी हुई है और अपने पुत्र निखिल को गले से लगाया औैर उसे शाबाशी दी।
निखिल को पता चल गया था कि जैसी संगत मिलेगी वैसा ही परिणा मिलेगा।

कहानी बताइए निष्कर्ष –
जैसी संगत में रहते उससे वैसा ही लक्षण  आता है।
अर्थात अच्छी संगत का संगत करना चाहिए।

bacchon ke liye kahaniyan Summary :– 
We should choose our company wisely. Because the nature of our side ones will affect us also. We should try to leave with good ones , who have good values and ethics. 

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Desi Kahani – Bacchon Ke Liye Kahaniyan ( छोटे बच्चो की कहानियां ) Hindi Mein Kahani 


३. बकरी दो गांव खा गई
( Hindi Story Based On mind set)


सेजपुर राज्य के राजा रंजित सिंघ एक दिन शिकार  पर निकले।  शिकार(आखेट) करते – करते वह काफी थक गए थे , उन्होंने विश्राम के लिए एक जगह शिविर डाला।

जंगल घना जंगली पशु – पक्षी चारों ओर शोर कर रहे थे , किंतु राजा सचेत वृक्ष की छांव में बैठ गए।थकावट के कारण राजा को नींद आ गई , तभी एक सिंह ने राजा पर प्रहार किया।

संयोगवश वहां एक भील जाति का बहेलिया (शिकारी) आ गया और उसने सिंह पर हमला करके उसे मार भगाया।

राजा की नींद खुल जाती है अपने ऊपर हुए हमले को जानकर वह बहुत आशंकित हो जाते हैं , किंतु दूसरे क्षण वह भील व्यक्ति पर प्रसन्न होकर उन्हें दो गांव देने का वचन करते हैं।

इसके लिए वह वृक्ष के वृक्ष से दो पत्ते तोड़कर गांव देने का वचन लिख देते हैं, और आश्वासन देते हैं कि आपको राज राजसभा में यह पत्ता दिखाने पर दो गांव मिल जाएगा। वह व्यक्ति अपने घर गया और उसने उस पत्ते को एक जगह टांग दिया। 

वह अब सोच में पड़ गया कि अब  क्या करें ?

इस पर उसने काफी सोच विचार कर एक  तरकीब लगाई , और राजा के राजसभा में आवाज लगाते पहुंच गया ! बकरियां मेरा दो गांव खा गई , बकरी मेरा दो गांव खा गई।
अब उस व्यक्ति के पास दो गांव हैं और साठ से अधिक बकरियां भी।

उस व्यक्ति के यहां तीन बकरियां थी जिन्होंने उस पल्लव(पत्ती)  को चर लिया अर्थात खा गए। उस व्यक्ति को ज्ञात हुआ कि वह पत्ता (अजा)बकरी खा गई , उसकी समझ में कुछ नहीं आया।

यह बात राजा तक पहुंचाई गई राजा(सम्राट) मुस्कुराए वह बात को समझ गए , उन्होंने उस भील व्यक्ति को जो वचन किया था उसे पूरा किया।

बच्चो की मजेदार कहानियां निष्कर्ष :–
व्यक्ति को कभी निराश नहीं होना चाहिए परिस्थितिया विपरीत क्यों न हो उसको अपने अनुसार बनाना चाहिए। जब परिस्थितियां अनुसार नहीं होती तभी व्यक्ति अपने आप को निकाल सकता है।

New Kahaniyan Summary :–  Never Givup
One should never be disappointed in any situation instead of it he/she should continuous fight / try for it.

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Moral Story In Hindi , Desi Kahani – छोटे बच्चो की कहानियां , कहानी अच्छी अच्छी ( कहानी बताइए )

Moral Story In Hindi
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४. पश्चात्ताप का भाव
( Story based on Regret )

मोहन उड़ीसा के एक छोटे से गांव में पला-बढ़ा। पढ़ लिखकर वह एक अच्छी सी सर्विस करने लगा। सर्विस में लगातार हुए प्रमोशन से उसे खूब उन्नति और कीर्ति की प्राप्ति हुई।

वह अब शहर में रहने लगा , वहां मोहन को बारहवीं  मंजिल पर एक आलीशान फ्लैट कंपनी के द्वारा मिला। मोहन अपनी पत्नी और एक बच्चे के साथ खूब ऐश–आराम से रहने लगा।

कुछ समय बाद मोहन के पापा उनसे मिलने शहर आए।
उस के पापा बेहद ही बुजुर्ग और सरल स्वभाव, निष्चल स्वभाव के व्यक्ति थे।

उन पर समय का असर स्पष्ट देखा जा सकता था।
हाथ, पैर काबू से बाहर हो गए थे , अर्थात ना चाहते हुए भी हाथ पैर अपने आप हिलना , धुंधला दिखाई देना आदि।

मोहन के पापा और उसकी पत्नी के कार्य स्थल पर जाने के बाद अपने पोते के साथ फ्लैट में दिनभर रहते और दोनों खूब बातें करते। अपने पोते को अच्छी–अच्छी कहानी जैसे की रामायण , महाभारत और ज्ञानवर्धक कहानियां सुनाते।

पोता खूब मन लगाकर उन कविताएं–कहानियों को सुनता। उस नन्हे से पोते का नाम टिंकू था। घर में महंगे महंगे चीनी – मिट्टी और अन्य क्रोकरी(बरतन) के समान थे।

एक  दिन दादा जी खान क्रॉकरी के बर्तन में दिया गया।
उनका हाथ काबू में ना रहने के कारण हाथ हिलने के कारण क्रोकरी गिरकर टूट गई। इस घटना के बाद मोहन की पत्नी ने बाजार से एक लकड़ी का बर्तन ले आई , जिसमें थाली-ग्लास आदि था।

अब दादाजी को प्रतिदिन दादाजी को उन लकड़ी के बर्तनों में खाना मिलने लगा। दादाजी को इन सब बातो का बुरा तो लगता था, लेकिन उन्होंने किसी से कुछ नही कहा।

एक दिन टिंकू खेल-खेल में लकड़ी से कुछ बर्तन बना रहा था , इस पर मोहन और उनकी पत्नी यानी कि टिंकू की मम्मी  ने डांट लगाई और कारण पूछा कि यह क्या कर रहे हो ?

टिंकू ने बलवत उत्तर दिया। मैं लकड़ी के कटोरे और बर्तन बना रहा हूं।
टिंकू की मम्मी – पापा ने पूछा कि इसकी क्या आवश्यकता है 
इसे क्यों बना रहे हो।

टिंकू ने जवाब दिया कि जब आप बूढ़े होंगे तो आपको इस बर्तन की जरुरत पड़ेगी इसलिए बना रहा हु। तब मोहन और उस्की पत्नी को अपनी गलती का पछतावा हुआ। दोनों पति – पत्नी ने पापा से पैर छूकर माफी मांगी । बड़े लोग स्वभाव के सरल और दयालु होते हैं अतः उनसे माफी मिलने में देरी नहीं होती।

बच्चो की मजेदार कहानियां निष्कर्ष :–
जैसा आपके कर्म रहेंगे वैसा ही आपको उसका फल भी मिलेगा अतः अपने कर्म अच्छे करने चाहिए।

Kahaniyan Bacchon ki Summary :–
if you do wrong you have to pay back to your destiny. So whatever you do, do it with good intention and always try to help other

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चलिए अब हम 5 Moral Story In Hindi की अखरी कहानी इन हिंदी , Hindi Mein Kahani पढ़ते है ।


५. अकल ( बुद्धि ) का प्रयोग , बुद्धिबल
( Story based upon brain/ Wisdom ) 


चितवन नामक वन में एक बहुत ही सुंदर बड़ा सा जलाशय था। जलाशय चारों ओर से सुंदर – सुंदर वृक्षों वह फूल – पौधों से घिरा हुआ था। जलाशय के अंदर मखाने वह सिंघाड़े के पौधे लगे हुए थे।

जलाशय में हमेशा पानी की मात्रा बनी रहती थी , क्योंकि उसके निकट से एक स्वच्छ कल – कल धारा वाली सोन नदी वाहित होती थी। एक समय की बात है दो मचुहारे चितवन वन में विश्राम( यति) कर रहे थे , तभी उन्होंने देखा उस जलाशय में खूब सारी मछलियां(तरु) उपलब्ध है।

दोनों मचुहारे विस्मित होकर  सोच – विमर्श करते हुए कहते हैं !
हमें आज तक इस जलाशय का  पता क्यों नहीं चला।  काफी समय हो गया था साँझ हो चुकी थी इसलिए दोनों आपस में बात करते हुए वहां से लौट गए कि कल आकर यहां पर जाल बिछाया जाएगा।

यह बात जलाशय में बैठी तीन सखी मछलियो ने  सुन ली। उन्होंने आपस में सोच–विचार किया कि यह बात पक्की  हो गई कि अगले दिन मछुहारा आकर यहां जाल बिछाएगा और हम सभी को पकड़ लेगा।

क्यों ना हम लोग जलाशय से निकलकर नदी(सरिता) में चलें ? उन मछलियों में से एक मछली सखी आलसी(सुस्त) थी।

अभी तक अपने 5 मॉरल Story In Hindi ( Desi Kahani ) का आधा भाग पढ़ लिया है, ऐसे ही कहानी अच्छी अच्छी, Hindi Mein Kahani पढ़कर आपको कैसा लगा। चलिए आगे बढ़ते है...!👇👀👇 

उसने बात को स्वीकार नहीं किया और कहा कि जब मचुहारे आएंगे तब हम कहीं छुप जाएंगे।
अगले दिन जैसे ही मछुहारा आया एक मीन सखी छलांग लगाकर नदी में पलायन कर गई।

आलसी मछली और उसकी एक और सखी मछली भी उन सभी मछलियों के साथ जाल में पकड़ा गई।
किंतु जैसे ही मछुहारा जाल समेटने के लिए आगे बढ़ा तो समझदार मछली ने मरे हुए होने का झूठा स्वांग , नाटक किया। मचुहारे ने मृत हुआ समझकर उस मछली को निकालकर फेंक दिया।

वह मछली अपनी समझदारी का प्रयोग करते हुए उछलकर नदी में भाग गई , किंतु जो आलसी मछली थी वह जाल में पड़ी रही।  मछुआरों ने उसे मंडी लेजाकर बेच दिया इस प्रकार उसने अपने प्राण त्याग दिए। 

नानी की कहानियां निष्कर्ष :–
चाहे कैसी भी परिस्थिति हो हमे बुद्धि ( दिमाग ) का प्रयोग अवश्य करना चाहिए बुद्धि का प्रयोग करके ही हम विकट परिस्थितियों से बच सकते हैं।

Kahani Achi Achi Summary :– 
whenever you stuck in any tricky situation use your brain 🧠. 

You should always use your brain otherwise you can not survive in this cruel world.


हम आशा करते हैं कि आपको हमारी छोटे बच्चों की कहानियां या बच्चों की मनोरंजक कहानियां या फिर कहानी अच्छी अच्छी और कहानी इन हिंदी ( Moral story in Hindi ) पढ़कर आपको नैतिक शिक्षा मिली होगी । ऐसे ही Kahani Achi Achi , Hindi Mein kahani और New kahaniyan bacchon ki पड़ने के लिए हमारे साथ बने रहे । और इस Desi Kahani को अपने स्नेही जनों के साथ अवश्य शेयर करें। कहानी सुनाओ


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