नीले लोमड़ी की कहानी – Best Hindi Story
आज की छोटे बच्चों की कहानियां और best Hindi story and bacchon ki kahani मे हम आपके लिए आज क नीली लोमड़ी की कहानी , The Blue Fox hindi mein kahani लेकर आए है। blue fox ki kahani हिंदी में
Hindi Mein Kahani और kahani achi achi के इस आर्टिकल मे आपको पता चलेगा कि आलसी लोमड़ी कैसे जंगल से भाग कर अपना रंग बदल कर वापस जम्मू में जानवरों को मूर्ख बना देता खुद जाल में फंस जाता है। चलिए अब हम छोटे बच्चों की कहानी और कहानी इन हिंदी या hindi mein kahani शुरू करते है ।
नीले लोमड़ी की कहनी – Best Hindi Story And Bacchon Ki Kahani
एक बार की बात है एक हरा भरा जंगल था। जिसमें एक लोमड़ी रहता था जोकि बहुत चालाक तो था लेकिन बहुत आलसी भी था। एक दिन लोमड़ी पेड़ के नीचे आराम फरमाते हुए सोचता है
लोमड़ी : कितना अच्छा होता अगर खाना मेरे पास खुद आ जाता और मुझे मेहनत करना ही नहीं पड़ता। कितना अच्छा होता अगर नदी का मीठा पानी मेरे पास खुद उड़ता हुआ आ जाता और बैठे-बैठे मेरी प्यास बुझा दे। ओहो कितना अच्छा होता अगर यह सूरज मेरे ऊपर धूप नहीं छाव बरसाए । बस इतना ही मैं ज्यादा कुछ नहीं मांग रहा हूं।
जी हां लोमड अलसी ही नहीं खयाली पुलाओ भी पकाता था। पूरा दिन पेड़ के नीचे पड़े पड़े सपने देखता कि वह कहीं का राजा है और सभी जानवर उसके गुलाम है और उसका हुक्म मानते हैं।
सारे जानवर : महाराज लोमड़ की जय हो। महाराज लोमड जय हो
लोमड़ी : हां हां बस करो यह बताओ मेरा खाना कहां है।
शेर तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई हां तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई।
शेर : कैसी हिम्मत!
लोमड़ी : अरे नहीं मैं आज फिर से सपना देख रहा था।
शेर : तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई सपने में भी मुझसे ऐसे बात करने की।
शेर घुराते हुए गुस्से में लोमड़ी के पीछे भागता है। बेचारा लोमड़ शेर से डर के मारे इतना तेज भागा कि उसे पता ही नहीं चला कि वह जंगल से बाहर निकल चुका है और दौड़ते दौड़ते वह पास के शहर में जा पहुंचा। वह शहर पहुंचने के बाद रुका वह बहुत हांप रहा था। वह बोला
लोमड़ी : शेर तू बहुत पछताएगा एक दिन मेरा दिन आएगा
ऐसा कहकर वह शहर के अंदर चला गया और वहां की ऊंचे ऊंचे घरों को देख कर बोलता है।
लोमड़ी : ओ वाह! यह होती है मजेदार जिंदगी क्या सुंदर घर है । इनके पास घर है यह लोग पानी ला सकते हैं और खाना गरम गरम मसालों में भी पका सकते हैं। ओहो हम ऐसी जिंदगी जीने का ही तो ख्वाब देखते हैं! है ना
लोमड़ी वहां के घरों को देख रहा था उसी वक्त शहर के दो कुत्ते आ गए और उसे देख कर कहने लगे
पहला कुत्ता : भाऊ भाऊ यह कौन है जो हमारे गांव में घुसा चला आ रहा है
दूसरा कुत्ता : वह जो भी है लग तो हमारी बिरादरी काही है भाऊ भाऊ
पहला कुत्ता : इसे भगाना होगा इससे पहले की यह इन सब गांव वालों का दिल जीत ले
दूसरा कुत्ता : तूने तो दिल की बात कह दी यारा चल इसे भगाते हैं भाऊ भाऊ
वह दोनों कुत्ते लोमड़ी की तरफ दौड़ पड़े और जोर-जोर से भागना शुरू कर दिए
लोमड़ी : अरे हाय मेरे नए दोस्तों
Kahani Achi Achi – छोटे बच्चो की कहानियां और कहानी सुनाओ हिन्दी में
लेकिन उन दोनों कुत्तों ने उसकी बात नहीं सुनी और उसे दौड़ आने लग गए
लोमड़ी : ओहो! नहीं लगता है इन्हें कोई गलत फैमिली हुई है।
वह दोनों कुत्ते उससे बहुत तेजी से दौड़ आने लग गए लोम्ड भाग रहा था , उसे लग रहा था कि वह दोनों कुत्ते आज उसे छोड़ेंगे नहीं
लोमड़ी : अरे मैं क्या करूं अरे मैं क्या करूं इन से कैसे बचू।
उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह डर के मारे धोबी के घर में घुस गया। धोबी के घर में घुसते ही साथ वह छुपने की कोशिश करने लगा लेकिन वहां जाके नील से भरे बर्तन में जाकर गिर गया। कुत्ते जोश के पीछे भाग रहे थे वह उन्हें कहीं नहीं मिला थक हार कर वह दोनों भी वापस चले गए। थोड़ी देर बाद लोमड़ी इधर उधर देखा। देखने के बाद जब उसे लगा कि कुत्ते जा चुके हैं तब वह बाहर आया।
लोमड़ी : ओहो इतनी बुरी किस्मत पहले वह शेर पीछे पड़ गया अब यह दोनों कुत्ते मेरे गले पड़ गए थे
वह थक गया था और जंगल की ओर चलने लगा लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह नीले रंग का हो गया है। जंगल के जानवर भी अब उसे नहीं पहचान पा रहे थे
हाथी : ओएमजी! वह कौन है
हिरण : सोच रहा हूं वह चीज असल में है क्या।
बंदर : जान बचानी है तो भागो यहां से भागो...
लोमड़ बाकी जानवरों को खुद से डर कर भागता हुआ देखकर हैरान हो गया उसने उन सब जानवरों को नजरअंदाज कर दिया और नदी की ओर पानी पीने चला गया।
चिड़िया : भागो यह कौन आ गया है पानी पीने
दूसरी चिड़िया : भागो पता नहीं यह अजीब सा जानवर जंगल में कहां से आ गया।
लोमड़ी : अरे पता नहीं यह क्या हो रहा है आज मेरे साथ सारे जानवर मेरे से डर के भाग क्यों रहे हैं।
वह जैसे ही नदी से पानी पीने के लिए नदी में झुका उसने अपनी परछाई देखी और वहां हैरान हो गया तब उसे समझ आया जंगल के बाकी जानवर उससे डर क्यों रहे हैं उसे एक आईडी आया लोमड़ पूरे कॉन्फिडेंस के साथ उस बड़े पत्थर की ओर चला गया जो शेर का सिंहासन था । वह उस पर जाकर बैठ गया और उसने बाकी सभी जानवरों को बुलाया
लोमड़ी : दोस्तों यह सभा मैंने इसीलिए बुलाई है।
बिना कुछ सोचे समझे सारे जानवर वहां इकट्ठा होगा यहां तक के जंगल का राजा भी जो थोड़ा सा डरा हुआ था वह भी उस सभा में आया था
लोमड़ी : अरे दोस्तों तुम सब मेरे से डर कर यूं क्यों भाग रहे हो। यकीन मानो मेरे से डरने वाली कोई बात नहीं है तुम मुझे नहीं जानते लेकिन मैं ऊपर वाले का बनाया हुआ एक विचित्र प्राणी । उन्होंने मुझे भेजने से पहले कहा था की जंगल वालों के पास ऐसा कोई राजा नहीं जो की काबिल हो इसीलिए उन्होंने मुझे भेजा है तुम्हारा राजा बना कर।
शेर : ये क्या अब मैं राजा नहीं
लोमड़ी : तुम मेरे प्यारे दोस्तों अब से इस जंगल का राजा मैं हूं और इस जंगल में राज करूंगा। ऊपर वाले ने मुझसे यह भी कहा था की मैं अच्छे से राज करो ताकि तुम मेरी छत्रछाया में सुरक्षित रहो और इस जंगल में खुशी से जिंदगी जी सको। समझ गए ना सब!
हिरण : हां
जिराफ : हां
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Hindi Mein Kahani |
सब जानवरों ने उसे अपना राजा स्वीकार कर लिया और जल्द ही लोमड़ वैसे जिंदगी जीने लगा जिसके बाद सपने देखा करता था।
लोमड़ी : मेरा खाना कहां है शेर
शेर : यह लीजिए महाराज यहां है आपका खाना
वाह मजे से बैठकर बाकी जानवरों के करतब देखता और बाकी जानवर उसके लिए शिकार करके उसके लिए भोजन का प्रबंध करते । कोई उसके बीएफ पानी लाता तो कोई उसके लिए मांस मटन। वह हर जानवर को अलग-अलग खेल खेलने के लिए कहता और वह खुद मजे से बैठकर खाना खाता।
लोमड़ी : तुम सब एक काम करो सब लाइन से खड़े हो जाओ और उस पेड़ के पास जाकर परेड करो। और मेडक कोई उछल कूद नहीं समझे
मेढक : जी हुजूर समझ गया।
दिन-ब-दिन ऐसे ही चलता गया लोमड़ और ज्यादा आलसी और लालची बनता जा रहा था
लोमड़ी : मैं चाहता हूं कि सारे जानवर लुका छुपी खेलें और मैं बैठकर सबको देखूं । वाह क्या जिंदगी है।
एक दिन हर शाम की तरह लोमड़ ने दरबार लगाया हुआ था लेकिन उस शाम कुछ अलग हुआ।
उस शाम उसने सुना कि कुछ लोमड़ गुरा रहे थे। पास ही के जंगल में कुछ लोमड़ गुरा रहे थे तो उनको सुनकर वह अपनी खुशी को रोक नहीं पाया और वह भी अपनी आवाज में गुरूर आने लगा
लोमड़ी : हाउ हाउ हाउ हाउ ...
इस आवाज को जंगल के सारे जानवर पहचानते थे उसका गुराना ।
लोमड़ी : हाउ हाउ हाउ हाउ ...
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Kahani Achi Achi |
शेर और बाकी सभी जानवर तुरंत समझ गए जो इतने दिन से उन पर राज कर रहा था वह तो जंगल का अलसी लोमड़ी है जिसे कोई ऊपर वाले ने नहीं भेजा। बस फिर क्या था सभी जानवर उसके पीछे भागने लगे और वह जाकर नदी में कूद गया। पानी से उसका सारा रंग निकल गया
शेर : धोखेबाज अगर तुम मुझे मेरे राज्य में दोबारा दिखाई दिए तो मैं तुम्हें जिंदा नहीं छोडूंगा।
लोमड़ इतना बेइज्जत हुआ कि वह वहां से चला गया और कभी नहीं दिखा। एक जंगल से दूसरे जंगल भटकता रहा और थका हारा जानवरों से भीख मांगता रहा कि उसे बाहर रहने दे लेकिन यह कहानी हर जगह फैल गई थी कि वह कौन है।
आखिरकार हर लोमड़ को समझ आ गया था की लालच बुरी बला इसीलिए जीवन में कोई शॉर्टकट नहीं है
नीले लोमड़ी की कहानी निष्कर्ष :-
"लालच बुरी बला है और जीवन में कोई शॉर्टकट नहीं लेना चाहिए । मेहनत करके खाना चाहिए " ( कहानी सुनाओ )
–_–_–समाप्त–_–_–
Magical Blue Fox's –जादुई नीला लोमड़ी की कहानी
एक बार की बात है, एक जंगल में एक नीली लोमड़ी रहती थी। नीली लोमड़ी जंगल में अन्य लोमड़ियों से अलग थी क्योंकि उसके पास एक सुंदर नीला कोट था, जबकि अन्य लोमड़ियों के नारंगी और भूरे रंग के कोट थे।
नीली लोमड़ी को हमेशा ऐसा लगता था कि यह उसका नहीं है और अक्सर जंगल में अन्य जानवरों द्वारा उसे छेड़ा जाता था। एक दिन, नीली लोमड़ी ने एक ऐसी जगह खोजने के लिए एक साहसिक कार्य पर जाने का फैसला किया जहाँ वह हो सकती थी।
नीली लोमड़ी जंगल, नदियों और पहाड़ों के माध्यम से तब तक यात्रा करती रही जब तक कि वह एक छोटे से गाँव में नहीं पहुँच गई। गाँव में, नीली लोमड़ी एक छोटी लड़की से मिली जो अन्य बच्चों से अलग थी क्योंकि वह सुनने में अक्षम थी।
नीली लोमड़ी और छोटी लड़की जल्दी ही दोस्त बन गए, और नीली लोमड़ी को एहसास हुआ कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसके फर का रंग क्या है या कोई और उसके बारे में क्या सोचता है। नीली लोमड़ी को एक ऐसा स्थान मिल गया था जहाँ वह किसी ऐसे व्यक्ति के साथ थी जिसने उसे स्वीकार कर लिया था कि वह कौन था।
नीली लोमड़ी और छोटी लड़की ने अपने दिन गाँव की खोजबीन करने, खेल खेलने और एक साथ रोमांच पर जाने में बिताए। नीली लोमड़ी अपने जीवन में पहली बार खुश और संतुष्ट महसूस कर रही थी।
एक दिन, नीली लोमड़ी ने जंगल में कुछ अन्य जानवरों के बारे में बात करते हुए सुना कि वे नीले लोमड़ी को कैसे याद करते हैं और कामना करते हैं कि वह वापस आ जाए। नीली लोमड़ी ने महसूस किया कि वह अपने दोस्तों को अलविदा कहे बिना चली गई थी, और उसे दुख हुआ कि उसने उन्हें पीछे छोड़ दिया।
नीली लोमड़ी ने अपने पुराने दोस्तों को देखने के लिए वापस जंगल जाने का फैसला किया, लेकिन वह इस बात से घबराई हुई थी कि वे कैसे प्रतिक्रिया देंगे। जब नीली लोमड़ी जंगल में वापस आई तो उसके पुराने दोस्त नीली लोमड़ी का नीला कोट देखकर हैरान रह गए, लेकिन वे अपने दोस्त को फिर से देखकर खुश हुए।
उन्होंने महसूस किया कि नीली लोमड़ी अभी भी अंदर से वैसी ही थी, चाहे वह बाहर से कैसी भी दिखती हो। उस दिन से, नीली लोमड़ी ने अपना समय जंगल और गाँव के बीच बाँट दिया, अपने पुराने दोस्तों और अपने नए दोस्त दोनों के साथ समय बिताया। नीली लोमड़ी को आखिरकार एक जगह मिल गई थी जहाँ वह थी, और यह स्वीकार करने में खुशी थी कि वह कौन थी, चाहे वह कहीं भी हो।
नीले लोमड़ी की कहानी या छोटे बच्चो की कहानियां Youtube video से
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