श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे ! अवश्य पढ़े

पंडित प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताए हुए मंत्र श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या क्या है




अगर आप जी शिव जी के बहुत बड़े भक्त हैं उनकी पूजा आराधना करते हैं तब आप अवश्य शिव जी के सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र के बारे में जानते होंगे , आपकी भी दिमाग में कभी ना कभी यह बात अवश्य ही होगी कि आखिर हम श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप  या Shree Shivaay Namastubhyan करते हैं तो हमें इस मंत्र को जाप करने से क्या फायदा मिलता है। आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे के बारे में।


श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे


श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र हिंदू धर्म में देवो के देव, नीलकंठेश्वर, सुभांकार भगवान शिव को समर्पित शक्तिशाली, प्रलयकारी और लाभदायक मंत्र है। यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है और यह भी माना जाता है कि यह शंभूशंकर भगवान शिव से सकारात्मक ऊर्जा, सुरक्षा और आशीर्वाद लाता है। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे जाप अवश्य करे.





श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की उत्पति - Shree Shivaay Namastubhyan 🔱




श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र की उत्पत्ति के पीछे का रहस्य जानने के लिए आप बिल्कुल सही आर्टिकल पर है आज हम आपको इस मंत्र की उत्पत्ति और कलयुग में इस मंत्र " श्री शिवाय नमस्तुभयम " के जाप के फायदे बताए। 


श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र का उल्लेख 18 हिंदू पुराणों में से एक शिव महापुराण मैं मिलता है। इस मंत्र का उपयोग या इस मंत्र के प्रसिद्ध होने के पीछे पंडित प्रदीप जी मिश्रा की भूमिका है। पंडित प्रदीप जी मिश्रा अपने हर शिव महापुराण की कथा में इस मंत्र का उल्लेख करते हैं और शिवजी की पूजा आराधना करने का सही तरीका इस मंत्र के से बताते हैं। 



श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ इस प्रकार है




"ओम श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, शिव शंकराय नमः ओम" 


अनुवाद: "मैं भगवान शिव जी को नमन करता हूं, जो इस ब्रह्मांड के निर्माता और संहारक हैं। मैं सुख और समृद्धि के दाता भगवान शिव शंकर जी को अपना सम्मान अर्पित करता हूं।" 


Shree Shivaay Namastubhyan
Shree Shivaay Namastubhyan 



अब हम आपको कुछ प्रमुख कारण बताए गए हैं कि क्यों श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है ।


१. नकारात्मकता से सुरक्षा: माना जाता है कि श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र में एक सुरक्षात्मक ऊर्जा होती है जो जाप करने वाले को नकारात्मक ऊर्जा और प्रभाव से बचाती है। इन सबके अलावा यह भी कहा जाता है की श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का प्रतिदिन जाप करने वाले व्यक्ति के चारों ओर सकारात्मक आभर बन जाती है । जो उस व्यक्ति को बुरी आत्मा और संसार में मौजूद नकारात्मक ऊर्जाओं से उस व्यक्ति की रक्षा करती है और उन्हें दूर भागती है।




२. भगवान शिव की कृपा: त्रिलोकीनाथ भगवान शिव शंकर जी की अपनी असीम कृपा के लिए जाने जाते हैं, और कहा जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से जपकर्ता पर उनकी विशिष्ट कृपा बनी रहती है। श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में आई बाधा और चुनौतियों से यह व्यक्ति को दूर रखती है जिससे कि वह सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाए।



३. आध्यात्मिक विकास: श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप व्यक्ति को आध्यात्मिक विकास और ज्ञान प्राप्त करने मे मददगार साबित होता है। ऐसा माना जाता है कि यह कुंडलिनी ऊर्जा के जागरण को उत्तेजित करता है। कुंडलिनी ऊर्जा दिव्य ऊर्जा है जो रीढ़ के आधार पर निष्क्रिय रहती है जिससे इस मंत्र की सहायता से सक्रिय कर सकते है।


४. मन और शरीर की शुद्धि: इस मंत्र का नियमित जप मन और शरीर को शुद्ध करने में भी मदद कर सकता है। यह नकारात्मक भावनाओं, विचारों और भावनाओं को दूर करने और स्पष्टता और सकारात्मकता को बढ़ावा देने के लिए कहा जाता है। 


५. पीड़ा से राहत: भगवान शिव को दया और करुणा के देवता के रूप में जाना जाता है, और इस मंत्र का जाप करने से शारीरिक और भावनात्मक पीड़ा से राहत मिलती है। यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने और आंतरिक शांति और शांति को बढ़ावा देने के लिए कहा जाता है।





श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का महत्व – श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र जाप कैसे करे




श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करने के लिए हम आपको बताएंगे कुछ नियम जिनका पालन करके आप शिवजी को प्रसन्न ना कर सकते हैं। इन चरणों का पालन करें: 


  • एक शांत जगह का चयन करे, जहाँ आप बिना परेशान हुए आराम से बैठ सकें। 
  • अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए और अपने हाथों को अपने घुटनों पर टिकाकर एक आरामदायक मुद्रा में बैठें। 
  • कुछ गहरी सांसें लें और अपने दिमाग और शरीर को आराम देने की कोशिश करें। 
  • शब्दों की ध्वनि पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए मंत्र का जाप शुरू करें। 
  • मंत्र को भक्ति और ईमानदारी के साथ दोहराएं, कंपन को आपके पूरे शरीर और दिमाग में गूंजने दें। 
  • आप अपनी पसंद के आधार पर अपने मन में जोर से या चुपचाप मंत्र का जाप कर सकते हैं। 


आप कितनी बार मंत्र जाप करते हैं, इस पर नज़र रखने में मदद के लिए आप एक माला (प्रार्थना की माला या रुद्राक्ष माला) का भी उपयोग कर सकते हैं। परंपरागत और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंत्र का 108 बार जाप किया जाता है। 


जब आप जप समाप्त कर लें, तो कुछ गहरी सांसें लें और मंत्र के अर्थ और ऊर्जा पर चिंतन करते हुए कुछ पलों के लिए अपने आप को मौन में बैठने दें।





श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र को सिद्ध कैसे करें?



  • प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने नित्य क्रिया करके स्नान कर ले
  • स्नान करने के पश्चात एक आसन का चयन करें जो साफ सुथरा होना चाहिए
  • आपको ऐसे आसन का चयन करना है जो जमीन से जुड़ा हो जैसे की चटाई या कोई कपड़ा या पूजा पैरदान
  • उसके बाद इस मंत्र का जाप आप वहां आसन ग्रहण करके करना शुरू कर सकते हैं। अगर आप इस मंत्र का जाप 108 रुद्राक्ष माला से करें तो और भी लाभकारी सिद्ध होगा।



शिव महापुराण और पंडित प्रदीप जी मिश्रा द्वारा श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के जाप करने की सही विधि 



शिव जी के स्वरूप शिवलिंग की आराधना करने की सही विधि शिव महापुराण में बताई गई है जिसके अनुसार मनुष्य को फल की प्राप्ति जल्द से जल्द होती है और शिव जी की कृपा मिलती है। उन्हेल तौर-तरीकों को पंडित जी द्वारा आसान तौर पर बताया गया है हम आपके लिए आज इस आर्टिकल में श्री शिवाय  नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे और इसके जाप की विधि लेकर आया है।


पंडित जी द्वारा बताए गए शिवलिंग की पूजा करने का सबसे आसान तरीका है हर सोमवार या अपने अनुसार प्रतिदिन एक लोटा जल एक चावल का दाना और एक बेलपत्र शिवजी को अर्पित करिए किसी भी शिवालय में जाकर इससे आपके बिगड़े से बिगड़े काम बनने लगेंगे।



सामग्री : कांसा या पीतल का लौटा, कुछ सेगे चावल के दाने , बेलपत्र , घर के बोरिंग या नल का शुद्ध जल, मूंग दाल, पीला चंदन , लाल चंदन , इत्र, शहद, अस्तगंध , पुष्प, काली तिल, काली मिर्च के दाने आदि।



पूजन की विधि : घर से यह सभी सामग्री लेकर अपने घर के नजदीक वाले शिवालय तक जाए । मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं नंदी महाराज के कानों में ओम बोलो और फिर शिवलिंग के पास जाकर तीन बार जोर से ताली बजाते हुए श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का जाप करें। 


उसके बाद जिस तरफ से शिव शिवलिंग पर जल चढ़ाने के बाद पानी बहता है उसके विपरीत दिशा में बैठे यानी कि शिवलिंग के पीछे तरफ। जो जल लेकर आए हैं उसे पीतल के लोटे में डालें उसमें एक बेलपत्र डालें और इत्र के कुछ बूंद भी मिलाए। उसके पश्चात लोटे को दोनों हाथ से पकड़ के धीरे-धीरे शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुरू करें जल चढ़ाते समय श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र का जाप करते रहिए। 


लौटे का पानी खत्म हो जाने पर सबसे उसमें शुद्ध पानी भरिए और बेलपत्र को वहीं रहने दीजिए फिर से शुद्ध पानी शिवजी के ऊपर चढ़ाएं । उसके बाद लोटे में मौजूद बेलपत्र को निकाले उसकी बीच वाली पत्ती मे पीला चंदन लगाए और जहां तीन पत्ती का मिलन होता है वहां पर शहादत लगाएं शहद उसके बाद चंदन और शहद लगे हुए हिस्से से बेलपत्र को शिवलिंग के ऊपर रख दे श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र का जाप करते हुए। ऐसा करने से भाग्य का लिखा हुआ शिवजी बदल लेते हैं। 




बेलपत्र अर्पित कर देने के पश्चात लाल चंदन पीला चंदन अष्टगंध ले और शिवजी का त्रिपूर्ण शिवलिंग के ऊपर बनाए उसके बाद शिवलिंग के चारों ओर अलग-अलग रंगों की चंदन से टीका लगाए। टीका लगाने के बाद शिवजी पर पुष्प अर्पित करें, shree shivaay namostubhyam का जाप करते हुए। 


चंदन लग जाने के बाद पुष्प अर्पित हो जाने के बाद शिवजी पर मूंग के दाल, और काली तिल 7 , शिवलिंग के शिकार पर रखे और मन मे अपनी मनोकामना को रखे श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र का जाप करते हुए। चंदन लग जाने के बाद बारी आती है एक चावल के दाने की एक पूरे चावल के दाने को शिवजी पर चढ़ाए। 


अब शिव जी को प्रेम से नैवेद्य का भोग लगाएं और उनकी आरती गाकर शिवजी को प्रसन्न करें और अपने पूजा की विधि समाप्त करें। इस प्रकार से आप शिव जी की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र का जाप करते हुए।





Shree Shivaay Namastubhyan – FAQ



प्रश्न १. श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का अर्थ क्या होता है?

उत्तर : श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ यह होता है की आप भगवान शिव जी से कहते है : है शिवजी श्री मैं आपको नमस्कार करता हूं।


प्रश्न २. श्री शिवाय नमस्तुभयम कौन सा मंत्र है?

उत्तर : श्री शिवाय नमस्तुभ्यं या ॐ नमः शिवाय यह दोनों मंत्र शिवजी की उपासना के लिए जप किए जाते हैं । यह दोनो मंत्रो मे Om namah shivay का अर्थ : ब्रह्म स्वरूप या ओंकार भगवान शिवजी को नमस्कार । और Shree shivay namastubhyam मंत्र का अर्थ : शिवजी मैं आपको नमस्कार करता हूं । 


प्रश्न ३. श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जाप कब करना चाहिए?

उत्तर : श्री शिवाय नमस्ते मंत्र का जाप आप 1 दिन में जब आपका मन करे तब कर सकते हैं लेकिन इस मंत्र का जब करने का सर्वोच्च फल आपको प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में अपने नित्य कर्म करने के बाद जप करने से मिलता है। 


प्रश्न ४. शिव जी के लिए कौन सा मंत्र शक्तिशाली है?

उत्तर : शिवजी के कुछ प्रमुख शक्तिशाली मंत्र जिनके प्रयोग से आपको अत्यधिक लाभ होगा शिव जी की असीम कृपा आप पर बनी रहेगी।

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात

ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।



श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का लाभ – Youtube video 





हमने आपको अपने इस आर्टिकल में श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र के फायदे और उसके नियमित जाप से होने वाले लाभ आपको बता दिया लेकिन आप फिर भी और जानना चाहते हैं इस मंत्र के बारे में तो यहां यूट्यूब वीडियो देख सकते हैं। shree shivaay namostubhyam मंत्र अत्यंत लाभकारी है इस मंत्र का अवश्य जाप करें।


शिव जी के श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र किस आर्टिकल में ने आपको श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे और shree shivaay namostubhyam मंत्र का नियमित जाप करने से आपको आपके जीवन में क्या क्या बदलाव महसूस होंगे यह सब हमने आपको बताया। इसके अलावा भगवान शंकर जी की पूजा नियमित रूप से करने के सही तरीका और उसके बीच में श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र का जाप किस प्रकार से करें कि आप को अधिक से अधिक लाभ हो गया है समय आपको बताएं। अगर आप भी ऐसे ही शिवजी के बारे में और खबरें जानना चाहते हैं तो हमारे पेज को सब्सक्राइब करें और इसे अवश्य रूप से शेयर करें। 


 


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