Panchtantra Ki Kahani – Jadui Chakki Or Belan , जादुई चक्की और बेलन


Panchtantra Ki Kahani – जादुई चक्की और बेलन  




आज आपको Panchtantra Ki Kahani – Jadui chakki or belan ( जादुई चक्की और बेलन की कहानी ) पड़ेंगे। आज की अच्छी अच्छी कहानी , छोटे बच्चो की कहानियां को लल्लू की जादुई कहानी  पंचतंत्र की कहानी भी कह सकते है 


एक जादुई कहानी या Magic Story मे लल्लू की कहानी और बच्चों की मनोरंजक कहानियां अथवा बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां है । इस कहानी में जादू के करतब के बारे मे पड़ेंगे।


Panchtantra Hindi moral story लल्लू की जादुई चक्की और बेलन ।तो चलिए हम कहानी शुरू करते हैं। लल्लू और जादुई चक्की बेलन हिंदी में कहानी सुनाओ 



अच्छी अच्छी कहानी – Jadui Chakki Or Belan ki Hindi Mein Kahani




अच्छी अच्छी कहानी , जादुई कहानी
अच्छी अच्छी कहानी , जादुई कहानी


लल्लू : आ हा! पंछी देखो गा रही हैं ठंडी हवा बह रही है
ही ही ही ही । 


अरे बाप रे बाप कभी नहीं होने के बाद भी कितनी अच्छी कविता कह रहा हूं। ही ही ही ही ।
अरे कोई है क्या जो कि मेरा पीठ थपथपा कर जाए। ही ही ही ही । 

मेरा तो बैड लक ही खराब है । गांव के इस पुराने मंदिर में कौन आएगा मेरा पीठ थपथपाने के लिए , मुझे अकेले ही हॉलीडे एंजॉय करना पड़ेगा। 

टिक टिकी टिंग टि _ टिक टिकी टिंग टि आ हा! 
पंछी देखो गा रही हैं ठंडी हवा बह रही है। 
लेकिन लल्लू जहां भी होता है वहां तो कुछ ना कुछ कांड होते ही हैं देखो इस बार क्या होता है।
टिक टिकी टिंग टि _ टिक टिकी टिंग टि .....


सुंदर नामक एक चौबीस वर्ष का एक युवक एक गांव में अपने भैया भाभी के साथ रहता है। वह बचपन से ही दिमागी रोग होने के कारण , उसे समाज में हरदम प्रताड़ित किया जाता था । इसकी उम्र तो दिन-ब-दिन बढ़ते जा रही थी लेकिन उसकी बुद्धि अभी भी दस साल के बच्चे समान थी ।

एक दिन की बात है वह अपने खेत से सारी सब्जियां तोड़कर उसे एक टोकरी में रखकर अपने घर लाता है ।


सुंदर : भैया मैं खेत से सारी सब्जियां तोड़ लाया हूं।

भैया : सब कुछ देखकर ठीक-ठाक निकाले हैं ना।

भाभी : हां हां तुम्हारा भाई इतना बेवकूफ है कि उस पर बिल्कुल विश्वास ना करना

सुंदर : पर मैंने तो सब काम सही किया है ना

भाभी : ए अब कुछ कमा के भी दो घर के काम के अलावा

भैया : कल से रोज तू बाजार सब्जियां बेचने जाएगा । कुछ बात घुसी दिमाग में ?


पंचतंत्र की कहानी
पंचतंत्र की कहानी


[ अगले दिन ]


लल्लू गांव के पुराने मंदिर के बगल वाले पेड़ के ऊपर बैठा रहता है और अपने पेट को सहलाते हुऐ कहता है 


लल्लू : अरे नहीं Empty Stomach एकदम से Empty! , मुझे चुपचाप से बैठे नहीं रहके , मुझे कुछ खाने का मन हो रहा है।


लल्लू अपनी गर्दन को लंबी करके चारों तरफ देखता है तभी वहां से सुंदर अपनी सब्जियों की टोकरी लेकर शहर जाते रहता है।


लल्लू : इसी को शायद कहते हैं " when there is a will there is a way ". ही ही ही ही...
कब से सोच रहा था की कुछ तो खाना पड़ेगा और देखो खाना आगे खुद हाजिर हो गया। ही ही ही ही 


Panchtantra Ki Kahani
Panchtantra Ki Kahani


लल्लू अपने जादू से सुंदर की सब्जियां उठा लेता है।


लल्लू : यह देखो मिल गया , चलो खाते-खाते अब उस लड़के का पीछा करते हैं , इसी बहाने इस जगह को अच्छी तरह देखना भी हो जाएगा। ही ही ही ही


सुंदर बाजार पहुंच जाता है, अपनी सब्जियों की टोकरी लेकर उसके पीछे-पीछे लल्लू भी उसके साथ बाजार पहुंच जाता है।


सुंदर : अरे मैं कभी बाजार नहीं आया हूं सब्जी बेचने के लिए मुझे तो पता ही नहीं कि इसे कैसे बेची जाती है ।


सुंदर को देखकर वहां की कुछ चालक लोग कहते हैं


अभी तक Panchtantra Ki Kahani और अच्छी अच्छी कहानी में  ( जादुई चक्की और बेलन ) इसे पढ़कर आपको कैसा लगा पूरी कहानी के जरुरु बताये...! चलिए आगे बढ़ते है...!👇👀👇 


पहला आदमी : लगता है आज बाजार में कोई नया बकरा आया है

दूसरा आदमी : चलो जाकर इसे बेवकूफ बनाते हैं इससे पहले कि कोई और हाथ मार ले। ही ही ही 

पहला आदमी : हां हां चलो जल्दी चलो

दूसरा आदमी :  क्यों भाई इस बाजार में नए हो क्या

सुंदर : ठीक कहा आपने मै इस बाजार में नया हूं और मुझे पता ही नहीं की सब्जी कैसे भेजी जाती है।

पहला आदमी : अरे इसमें समझने वाली कौन सी बात आ गई शुरू शुरू में सबको मुफ्त में सब्जियां देनी होगी
दूसरा आदमी : पहले खाना पड़ता है फिर खरीदना पड़ता है।

सुंदर : तो ठीक है यह ताजी ताजी सब्जियां है लो इसे खा कर देख लो फिर बाद में खरीद लेना ।

दूसरा आदमी वह तो देखेंगे ही, सब देखेंगे हम । हा ही ही ही 


छोटे बच्चो की कहानियां
छोटे बच्चो की कहानियां


वह दोनों आदमी उसकी सारी सब्जियां ले लेते हैं और अपने थैलों मैं डाल लेते है ।


पहला आदमी : आज देख लेते हैं कैसा स्वाद है फिर कल बताते हैं

दूसरा आदमी : ठीक है भाई , कल बताते हैं।


लल्लू जो पीछे से चुप कर यह सब कुछ देख रहा होता है वह कहता है।


लल्लू : अरे यह कैसा केस हुआ यह दोनों आदमी तो उसे एकदम से बुद्धू बना कर चले गए , अरे नहीं खाता खुलने से पहले ही इसका विकेट डाउन।


अपने घर के लिए खाली हाथ निकल पड़ता है निकल पड़ता है। रास्ते में चलते चलते वह अपने आप से ही कुछ कुछ बड़बडाते रहता है।


सुंदर : अरे नहीं आज तो कोई बिक्री हुई है, भैया को जाकर बोलूंगा आज खाली टोकरी लाया हूं कल पैसों से भर कर लाऊंगा।


तभी उसे पीछे से एक आवाज सुनाई देती है।


बच्चो की मनोरंजक कहानियां
बच्चो की मनोरंजक कहानियां


तीसरा आदमी : अरे भाई तुम तो बड़े ही बेवकूफ हो खाली टोकरी लेकर घूम रहे हो हां

सुंदर नहीं तो और मैं क्या करूंगा

तीसरा आदमी : अरे तुम इससे अच्छा एक थैला ले लेते उसमें सामान भर देते और जब उसमें सामान नहीं होता तब उसे समेट लेते।

सुंदर : अरे यह तो बहुत अच्छा सुझाव है।

तीसरा आदमी : नहीं मैं सिर्फ सुझाव ही नहीं तुम्हें थैला भी दे देता हूं , तुम एक काम करो यह थैला ले लो और वह टोकरी मुझे दो।

सुंदर : ठीक है हम अभी अदला-बदली कर लेते हैं


लल्लू जोकि फिर यह सब पीछे से देख रहा होता है कहता है।


लल्लू : अरे नहीं यार फिर से आदमी ने उसे बुद्धू बना दिया। ऐसा ही चलता रहा तो यह लड़का तो घर पहुंचने से पहले ही खाली हो जाएगा।



जादुई चक्की और बेलन – Panchtantra Ki Kahani , कहानी सुनाओ




सुंदर थैला लेकर अपने घर पहुंच जाता है उसके भैया भाभी उसका घर के बाहर खड़े होकर इंतजार करते रहते हैं ।


भैया :  अरे वाह तुम तो कितने जल्दी सब कुछ बेच कर आ गए अरे वाह तुम तो बड़े ही होशियार हो।

सुंदर : आज मैंने बाजार में सब को मुफ्त में खिला दिया और बाजार गर्म किया और कल देखना सब लोग मुझसे ही सब्जी खरीदेंगे।

भैया : सब कुछ फ्री में दिया पर एक पैसा भी नहीं लिया

सुंदर : क्यों लो पैसा पैसा तो कल नहीं मिलने वाला है ना कल यह थाली भर के ले जाऊंगा सब्जी बाजार में

भाभी : हाय हाय या लड़का हमें बर्बाद करके रहेगा अपना भलाई चाहते हो तो इसे घर से निकाल दो।

सुंदर : मेरे पास दिमाग नहीं तो भैया भाभी ने मुझे इतना भला बुरा कहा मेरे पास दिमाग नहीं है तो क्या मुझे जीने का कोई अधिकार नही है क्या इससे अच्छा मैं मर ही जाता हू " ना रहेगा बास और ना ही बजेगा बासुरी।

लल्लू : अरे नहीं दोस्त ऐसे हार ना मानो जिसका कोई नही है उसका लल्लू तो है ना । ही ही ही ही


 [ अगले दिन ]


सुंदर : अब जब मरना ही है तो इतना क्या सोचना , एक फंदा बनाकर में लटक जाता हूं।


अरे एक बात तो मैंने सोचा ही नहीं , अगर मरते मरते मुझे देर हो गई तो मुझे भूख लग जाएगी नहीं नहीं, नहीं नहीं यह तो गलत हो जाएगा मैं एक काम करता हूं अपने साथ रोटी और गुड़ रख लेता हूं । जब मर ही रहा हूं, तो कुछ खा के ही मरते है ।



Panchtantra Ki Kahani



सुंदर-सदर घर के अंदर जाता है और जाकर रोटी और गुड अपने साथ रख लेता है कार साथ में रस्सी लेकर गांव के पुराने मंदिर की ओर चल पड़ता है।


सुंदर : अगर मरना ही है तो तो मंदिर के बगल में ही मरता हूं झट से मारूंगा और फट से स्वर्ग में जाऊंगा ।

लल्लू : ( पेड़ के ऊपर से ) यह देखो, जो मैं सोचा था वही हो रहा है घर के लोग  consult करके insult कर रहे है इसी दुख में वो मरने के लिए तैराय है । लेकिन ऐसी बैठे रहने से बात खराब हो जाएगी , ले लल्लू लग जा काम मे ।


सुंदर अपनी रस्सी को घुमा कर पेड़ की टहनी के ऊपर फेंकता है तभी लल्लू अपने जादू से वह टहनी को तोड़ देता है। 


सुंदर : अरे यार क्या किस्मत है मेरी फंदा डालने से पहले ही यह टहनी टूट गई ।


सुंदर बार-बार रस्सी फेंकने की कोशिश करता है लेकिन कभी रस्सी टहनी तक पहुंच नहीं पाती और कभी लल्लू टहनी ही गिरा देता।


लल्लू : ( अपने आप मैं ) अरे पगले मरना क्या इतना आसान होता है, मरने के लिए भी बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं। अरे बाप रे बाप मैं तो आज कविता पर कविता बोल रहा हूं। ही ही ही 

सुंदर : यह सब हो क्या रहा है नहीं नहीं अब मैं ठीक से फंदा फेकता हूं ।


जैसे ही सुंदर फंदा फेंकता है लल्लू उसके फंदे को पकड़ लेता है , तब सुंदर को लगता है की कुछ तो गलत है और वह पेड़ में चढ़ने लगता है ,  लेकिन वह बार-बार विफल हो जाता है।


बच्चो की अच्छी अच्छी कहानियां
बच्चो की अच्छी अच्छी कहानियां


लल्लू : ही ही ही ही अरे दोस्त , दोस्त कैसे हो मुझे खुश किए बिना तो इस पेड़ में नहीं छोड़ सकते  ही ही ही 
मेरे प्यारे दोस्त ऐसे उतावले होने से कैसे चलेगा।

सुंदर : अरे तुम कौन हो।

लल्लू : मैं लल्लू लेकिन तुम फिकर ना करो मैं तुम्हें दूसरों की तरह उल्लू नहीं बनाऊंगा ही ही ही ही 

सुंदर : चलो यह तो अच्छी बात है। लेकिन मैं तुम्हें खुश कैसे करू । हां तुम एक काम करो यह गुड़ और रोटी खा लो।

लल्लू :  ( गुड़ रोटी खाते खाते) अरे बाप रे बाप यह तो भूखे पेट में अमृत की तरह लग रहा है तुम बुद्धू हो सकते हो लेकिन तुम्हें बुद्धि बहुत है। 

सुंदर : नहीं नहीं बुद्धि नहीं है मेरे पास अगर बुद्धि होती तो यहां मरने के लिए थोड़ी आता ।

लल्लू : बात तो सही है अगर तुम्हें मरना ही है तो दो-चार दिन मुझे गुड़ रोटी खिलाकर ही जाओ। 

सुंदर : गुड रोटी तो मैं तुम्हें खिला सकता हूं लेकिन मुझे पता है की भाभी मुझे किसी भी हालत में रोटी नहीं देने वाली।



कहानी अच्छी अच्छी , बच्चों के लिए कहानियां और Panchtantra Ki Kahani में और कौनसी आप पढना चाहते है पूरी कहानी के बाद जरुरु बताये ....चलिए आगे बढ़ते है.......!



तभी लल्लू अपनी जादू से एक बेलन और चकला बनाता है और उसे सुंदर को दे देता है


बच्चों की कहानियां, जादुई चक्की और बेलन
बच्चों की कहानियां, जादुई चक्की और बेलन


लल्लू : अगर जरूरत पड़े तो बेलन को चकले पर घूम आत रहना और जो चाहिए वह अपने आप निकलता जाएगा।


हो गया ना Problem Solve  ही ही ही ही
आ जाओ दोस्त दोनों मिलकर गुड रोटी खाते हैं।


सुंदर : मुझे सिर्फ खाना नहीं तुम्हारे साथ बात करके भी अच्छा लगा , वरना भैया और भाभी मैं बेवकूफ हूं करके मुझे खूब गाली देते हैं और दिन भर ताने मारते रहते हैं।

लल्लू : मैं जानता हूं उधर मेहनत कर कर के पतलून गीली होते जा रही है और इधर नाम से ज्यादा बदनामी हो रही है।

घर जाओ और मैंने जो बेलन चकला दिया है उसे चलाओ और जो मन में आए लाते जाओ ही ही ही ही

सुंदर : नहीं नहीं मुझे ऐसे सब चीजों की लालच नहीं है जिंदगी जैसे चल रही है उसे वैसे चलने दो।

लल्लू : सच में यह लड़का एकदम से भोला भाला है, लेकिन इसके भैया भाभी को थोड़ी सी टाइट दे पाता ना तो मजा आ जाता ही ही ही ही



जादुई कहानी – Panchtantra Ki Kahani , Achi Achi kahani कहानी सुनाओ



सुंदर अपने घर के लिए निकल पड़ता है घर में उसके भैया भाभी झगड़ते रहते हैं।


भाभी : जानते भी हो रोज सवेरे तुम्हारा भाई थैला में सामान भरकर बाहर जाता है

भैया : क्या कह रही हो , वह सचमुच सारा सामान बांध कर बाहर जा रहा है।

भाभी : आखिर वहां झूले में भरकर ले क्या जा रहा है। सुनिए मैं काम करती हूं छुप छुप कर उस पर नजर रखती हूं।


सुंदर घर पहुंचता है और बेलन और चकला के साथ अपने कमरे में चला जाता है। वह लल्लू के कहे अनुसार चकले को जमीन में रखता है और उस पर बेलन चलाना शुरू ही करता है कि उसके भैया भाभी चुपके से यह सब देखते रहते हैं।


सुंदर : मुझे जरा सा रोटी और अच्छा सा गुड देना।


कहानी सुनाओ
कहानी सुनाओ


सुंदर जैसे ही गुड और रोटी मांगता है वैसे ही बहुत सारी गुड़ और रोटी आ जाती है यह सब देख कर उसके भैया भाभी अचंभित हो जाते हैं । सुंदर रोटी और गुड़ मांगते ही जाता है जादुई चकला रोटी गोल देते चले जाती है।


सुंदर : वाह क्या अच्छी चीज दी है इससे जो भी मांगो सब मिल जाता है । चलो अब मैं यह सब रोटी , गुड लेकर लल्लू दादा के पास जाता हूं वह मेरा मंदिर के पास इंतजार कर रहे होंगे।

भैया : अरे बाप रे यह क्या कर रहा है।

भाभी : वह ना जादुई चकले से हमें बेवकूफ बना रहा है रुको अभी बताती हूं उसको।


सुंदर जादुई चकला और बेलन को अपनी तिजोरी में रख कर लल्लू से मिलने निकल पड़ता है। सुंदर को बेलन और चकला तिजोरी में रखते समय उसके भैया भाभी यह देख लेते हैं।

सुंदर के घर से निकलते ही तुरंत उसके भैया भाभी उसके तिजोरी से जादुई चकले को निकाल लेते हैं।


भाभी : यह देखिए जादुई चकला और बेलन से जो कुछ भी मिल रहा है सब भर भर के ले लेते हैं इससे पहले कि देर हो जाए।

भैया : देखो संभल कर मांगना सोच समझकर मांगना कहीं ऐसा ना हो जाए की मांगा कुछ और मिल जाए कुछ और।

भाभी : ( बेलन चलाते हुए) अरे तुम चुप रहो मुझे सब चाहिए साड़ी गहने जेवर सब सबका सब।

अरे रे! मुझे जो चाहिए मुझे सब मिल रहा है अरे! वाह।
मुझे और चाहिए , ए जादुई चकला और बेलन मुझे और चाहिए जल्दी बना मुझे और चाहिए।


तभी घर में एक सांप घुस जाता है वह दोनों उसको देख कर डर जाते हैं और हड़बड़ी में चिल्लाने लगते हैं सांप सांप उसी वक्त बेलन चलते रहता है तो जादू चकले से सांप निकलने लगते हैं।


कहानी इन हिंदी
कहानी इन हिंदी


भैया : अरे कोई बचाओ यकहानी इन हिंदी हां तो सांप ही सांप आ गए कोई बचाओ

भाभी : अरे नहीं नहीं किया तो साथ हैं यह हमें खा जाएंगे क्या इन्हें कोई भगाओ हमें बचाओ कोई है! 
अरे मर गई मैं डस लिया ...


वह सारे साथ मिलकर उसके भैया भाभी को काटकर मार डालते हैं के भैया भाभी की आत्मा भटकते भटकते पुराने मंदिर के पास पहुंचती है।

लल्लू और सुंदर मंदिर के पास बात करते रहते हैं तभी उसके भैया भाभी की आत्मा वहां पहुंचती है


सुंदर : तुम्हारे साथ रह रह कर मेरी मरने की इच्छा खत्म हो गई है।

लल्लू : ऐसा ही तो होना चाहिए इसीलिए लल्लू कहता है जिंदगी एक ही तो है जिसमें "No Dar No Fikar " 
ही ही ही

भाभी : अच्छा तो यह है जो भेजा घूम आता था इसका अब बहुत भी बन गई हूं अब इसे कच्चा जब आ जाऊंगी ।

सुंदर : अरे यह क्या भैया और भाभी ऐसे उड़कर क्यों आ रहे हैं।

लल्लू : अपने कर्म फल के हिसाब से दोनों Piece Finish ही ही ही

अगर मैं उनके हाथ आ गया तो मुझे किसमिस बना के छोड़ेंगे चल लल्लू भाग यहां से , चल भाग यहां से कोई तुझे शांति से जीने नहीं देगा हाय रे! फूटी किस्मत 

सुंदर : अरे यह सब क्या हो रहा है मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है।


कहानी बच्चो की
कहानी बच्चो की 


लल्लू : तुम्हारे भैया और भाभी अति लालच का फल भुगत रहे हैं अब तुम जाओ और शांति से जियो। चलो अब मैं चलता हूं Bye Bye Dost 

अरे बाप रे यह दोनों तो एकदम से मेरे पीछे ही पड़ गए हैं लगता है मुझे अपनी Speed बढ़ानी होगी।

भाभी : रुक रुक रुक तेरी जादुई चकली और बेलन की वजह से मुझे सांप ने काट दिया अब हम तुझे नहीं छोड़ेंगे रुक रुक कहां भाग रहा है रुक

लल्लू : मुझे थोड़ी जल्दबाजी है मैडम इसीलिए Bye Bye और हम कभी ना मिल पाए ही ही ही ही 

भाभी : ऐ रुक जा नहीं छोडूंगी तुझे नहीं छोडूंगी ।



जादुई कहानी निष्कर्ष :– 



इस शीर्षक के लेख में आपको लालच करना बुरी बात है। अति लालच का फल अति बुरा होता है। इस बात की सिख मिलती है. 



कहानी इन हिंदी – अच्छी अच्छी कहानी / जादुई चक्की और बेलन की कहानी – Youtube से







छोटे बच्चों की कहानियां ,बच्चों की मनोरंजक कहानियां यह कह सकते हैं जादुई कहानी आप ऐसी यूट्यूब वीडियो के माध्यम से भी देख सकते हैं कहानी सुनाओ


आशा करते है की आपको Panchtantra Ki Kahani - ( जादुई चक्की और बेलन ) - अच्छी अच्छी कहानी , कहानी सुनाओ और छोटे बच्चों की कहानियां आपको पसंद आई होगी अगर हां तो इस जादुई कहानी को अपने स्नेही जनों के साथ अवश्य शेयर करें और उन्हें भी कहानी अच्छी-अच्छी पढ़ने का अवसर दें।


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