आसमान नीला क्यों होता है – Why Sky Is Blue? आसमानी कलर क्या है
आज के इस आर्टिकल में आसमान नीला क्यों होता है या आसमान का रंग कौन सा है इस पर विज्ञान के आधार पर और विशेषज्ञों के प्रमाण पर आपको समझाएंगे। आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है इस प्रश्न को एक शब्द में आसमानी कलर भी कह सकते हैं और हम आज आसमानी कलर की सारी जानकारी आपको देंगे।
आसमान नीला क्यों होता है |
अगर आसमान में काले बादल है तब हमें आकाश का रंग काला दिखाई पड़ता है रात के वक्त आकाश में सितारे दिखाई पड़ते हैं और उस वक्त भी आकाश का रंग काला रहता है।
लेकिन सूरज के होने के बावजूद हमें आकाश का रंग साफ साफ नीला ही क्यों दिखाई पड़ता है?
इस प्रश्न का उत्तर खोजने के लिए पुराने जमाने के विशेषज्ञों ने बहुत खोजबीन करें और दर्शकों तक इस प्रश्न के पीछे घुसकर उन्होंने इसका हल नहीं लिया और पता लगा ही लिया कि आखिरकार आसमान नीला क्यों दिखाई देता है। अगर आप भी उन वैज्ञानिकों के उत्तर को जानना चाहते हैं तो हमारे साथी हटकर पूरा पढ़ें।
आसमान नीला क्यों होता है या आसमान के ऊपर कौन रहता है की पोस्ट शुरू करते हैं आप नीचे टेबल ऑफ कंटेंट के आधार पर हमारे इस आर्टिकल में जानकारी दी जाएगी।
TOC विषय तालिका ( Table Of Content )
- आसमान नीला क्या होता है? ( सटीक उत्तर)
- आसमान नीला क्यों होता है ( विस्तार में )
- आसमान के ऊपर कौन रहता है ।
- आसमान में कितने तारे होते हैं ।
- धरती से आसमान की ऊंचाई और आसमान की ऊंचाई कितनी है।
- आसमानो पर जो खुदा है ।
- Quora के आधार पर आकाश नीला क्यों दिखाई देता है।
- Youtube Video से जानेंगे आकाश नीला क्यों होता है ।
चलिए हम आसमानी कलर जानने का सफर शुरू करते है।
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आसमान नीला क्यों होता है? Aasman Nila Kyo Hota Hai जानेंगे आसमानी रंग
- आसमान नीला क्या होता है? (सटीक उत्तर)
पृथ्वी अभी तक खोजे हुए ग्रहों में से इकलौता ग्रह है जिसका स्वय का वायुमंडल है। जो कि पांच अलग-अलग सतह में विभाजित है , पृथ्वी के सबसे नीचे ले सातह में अलग-अलग गैसों के मिश्रण, धूल कंकड़ , और जलवास मौजूद होते हैं। {आसमानी कलर}
जब सूर्य की किरण पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है तब वह वायुमंडल में मौजूद विभिन्न गैसों के मिश्रण धूल के कणों से टकरा कर अलग-अलग दिशाओं में बिखर जाती है।
बिखरते वक्त वह अलग-अलग रंगो की हो जाती है। बिखरने के बाद सूर्य की किरण पृथ्वी के वायुमंडल में फैल जाती है और सभी रंगों में से बैगनी रंग ( Violet Colour ) का बिखराव सबसे ज्यादा होता है , बैगनी रंग के बाद नीले रंग का बिखराव सबसे ज्यादा होता है और सबसे कम लाल रंग कभी खराब होता है।
आपके मन में यह प्रश्न आया होगा अगर बैगनी रंग का बिखराव सबसे ज्यादा होता है या बैंगनी रंग आसमान में सबसे ज्यादा फैलता है तब हमें आसमान का रंग बैगनी दिखाई क्यों नहीं देता?
हमें आसमान का रंग बैंगनी इसलिए नहीं दिखाई देता क्योंकि वायुमंडल में मौजूद विभिन्न गैस बैगनी रंग को सोख लेती है उसे एब्जॉर्ब कर लेती है , इस वजह से बैगनी रंग का बिखराव सूर्य की किरणों से विभाजन के बाद नहीं हो पाता है।
बैगनी रंग के एब्जॉर्ब हो जाने के कारण आकाश में दूसरा रंग नीला जिसका सबसे ज्यादा भी खराब होता है वह हमारे संपूर्ण वायुमंडल में फैल जाता है। मनुष्य की आंखें नीले रंग की ओर ज्यादा संवेदनशील होती है इस वजह से हमें आसमान का रंग नीला दिखाई पड़ता है।
- आसमान नीला क्यों होता है ( अब जानेंगे विस्तार में )
आसमान का रंग नीला क्यों होता है? , या तो फिर आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है यह प्रश्न को अब हम विस्तार में बताएंगे।
- आसमान का पर्यायवाची :– अनन्त, गगन, आकाश, अम्बर, नभ, व्योम, आदि होता है
- आकाश का पर्यायवाची :– आकाश, अनन्त, गगन, अम्बर, नभ, व्योम, आदि होता है
- आसमान का विलोम शब्द :– जमीन
- आकाश का विलोम शब्द :– पाताल
जैसे कि आपने देखा आसमान का पर्यायवाची और आकाश का पर्यायवाची दोनों लगभग सेम है, लेकिन वही अगर हम बात करें आसमान का विलोम शब्द और आकाश का विलोम शब्द तब इसमें अंतर आ जाता है।
जहां आसमान का विलोम शब्द होता है जमीन वही आकाश का विलोम शब्द है पाताल। यह जानना भी जरूरी है क्योंकि आसमान और आकाश दोनों एक साथ दो होने के बाद भी दोनों के विलोम मे अंतर है ।
आसमान का नीला क्यों होता है यह विस्तार जानने के लिए पहले आपको कुछ साइंटिफिक चीजों के बारे में जाना पड़ेगा और इनके अलावा भी और कई चीजों के बारे मे आपको जानना पड़ेगा जैसे की :–
✯वायुमंडल क्या है? What Is Atmosphere ?
संपूर्ण ब्रह्मांड में पृथ्वी इकलौता ग्रह है , जिसका खुद का वायुमंडल है, वायुमंडल को इंग्लिश में हम एटमॉस्फेयर कहते हैं यह 5 सतह में विभाजित है। 5 सतह में हवा धूल पानी, जालवास और विभिन्न गैसों का घेरा पृथ्वी के चारों ओर रहता है , और इसे ही हम वायुमंडल कहते हैं।
Aasman Neela kyon Hota hai |
पृथ्वी के जितना ही हम निकट आएंगे इन सता हो में गैसों की मात्रा उतनी बढ़ती जाती है और जितना ही हम पृथ्वी से दूर जाएंगे गैसों की मात्रा और धूल के कण उतने ही कम होते जाते हैं यह सब सेंट्रीफ्यूगल फोर्स के कारण होता है।
✯वायुमंडल में क्या-क्या होता है ? What Is In Atmosphere ?
1. Troposphere ( क्षोभ मंडल ) :– वायुमंडल का पहला और सबसे निचला मंडल । क्षोभ मंडल मैं ही संपूर्ण वायुमंडल का 75% विभिन्न में गैस धूल के कण जलवा समय रहते हैं। इसकी ऊंचाई जमीन स्तर से 7 km – 15 km तक होती है ।
मंडल की ऊंचाई कम ज्यादा होती रहती है यह मौसम पर आधारित रहता है। क्षोभ मंडल मैं ही बादलों का बन्ना एव बरसना ओले गिरना बर्फबारी होना यह सब इसी मंडल में होता है। पृथ्वी से जितना ही हम ऊपर उठते जाते हैं उतना ही तापमान में गिरावट आती जाती है।
2. Stratosphere ( समताप मंडल ) :– क्षोभ मंडल का ऊपरी मंडल जहा हवा तेज नही चलती जिस वजह से एरोप्लेन ,हेलीकॉप्टर या हॉट एयर बैलून उड़ाने के लिए यह लेयर सबसे उत्तम है। समताप मंडल मैं ही ओजोन लेयर ( ओजोन परत ) पाया जाता है। समताप मंडल का ऊंचाई 15km – 35km तक रहता है।
✯ओजोन लेयर क्या है ? What Is Ozone Layer
ओजोन परत या लेयर एक ऐसा परत है जो कि सूर्य से आने वाली कि खतरनाक किरणों से हमे बचता है । ओजोन का केमिकल फार्मूला ( O↓3 ) है।
3. Mesosphere ( मध्यमंडल ) :– मध्यमंडल हमारे वायुमंडल का तीसरा मंडल है । यह मंडल जमीनी स्तर से 85Km ऊपर मौजूद रहता है । इस मंडल मे गैस की मात्रा बहुत जायदा गैस मौजूद रहते है । मध्यमंडल का तापमान –90°C तक रहता है
4. Thermosphere ( बाह्य वायुमंडल ) :– बाह्य वायुमंडल की 500km की ऊंचाई तक मौजूद रहता है।
इस ही लेयर मे उपग्रह भी मौजूद रहते है । अगर हम धरती की जमीनी स्तर से ऊपर उठते जाते हैं तब मध्य मंडल तक तापमान कम होते जाता है लेकिन जैसे ही हम बाह्य वायुमंडल मैं प्रवेश करते हैं।
तापमान अचानक से बढ़ जाता है क्योंकि यहां विभिन्न गैसों की मात्रा एक दम से कम हो जाती है , इस वजह से बाह्य वायुमंडल का तापमान 480°C – 1700°C तक पहुंच जाता है ।
5. Exosphere ( बहिर्मंडल ) :– बहिर्मंडल वायुमंडल का सबसे ऊपरी मंडल है । इस मंडल के बाद से स्पेस शुरू हो जाता है , इस मंडल में हवा बहुत पतली होती है। बहिर्मंडल पृथ्वी से 10000 Km तक फैला हुआ रहता है ।
यह तो हो गई हमारे वायुमंडल की जानकारी लेकिन हमारा मुख्य प्रश्न अभी भी वही है कि आसमान का रंग नीला क्यों होता है, या आकाश का रंग नीला क्यों दिखाई देता है। इस प्रश्न को जानने के लिए अब हम हमारे वायुमंडल में फैले विभिन्न गैसों के बारे में जान लेते हैं।
हमारे वायुमंडल में सबसे ज्यादा नाइट्रोजन Nitrogen N2 – 78% , उसके बाद ऑक्सीजन Oxygen – 20% , इसके अलावा भी भिन्न-भिन्न गैसे मौजूद होती है । इन सब गैस के अलावा जलवासा ( Water Vapour ) भी वायुमंडल में मौजूद रहता है।
आकाश नीला क्यों दिखाई देता है |
यह हमने वायुमंडल में मौजूद गैस के बारे में जाना , अब हम जानेंगे कि सूर्य के किरणों में मौजूद अलग-अलग रंगों के बारे में। सूर्य का प्रकाश जो हमें आमतौर पर सफेद दिखाई देता है वह असल में अपने साथ अलग-अलग रंगों को समाए रखता है।
सूर्य की किरणों में सात ऐसे रंग है जो हमें देखने से दिखाई नहीं देते लेकिन वह फिर भी मौजूद होते हैं। अगर हमें उन रंगों को देखना है तो उन्हें अलग अलग करना पड़ता है। सूर्य की किरणों में से सात रंग कौन-कौन से हैं।
बै जा नी ह पी ना ला – बैगनी , जमुनी , नीला , हरा, पीला, नारंगी , लाल
V-I-B-G-Y-O-R – Violet , Indigo , Blue , Green, Yellow , Orange , Red
यह सात कलर सूर्य की किरणों में मौजूद रहते हैं लेकिन हमें नेत्रों से दिखते नहीं। अब हम इन रंगों के वेवलेंथ Wave lenght ( तरंग दैध्य ) के बारे मे जानेंगे।
आसमानी कलर |
✯Wavelength तरंग दैध्य क्या होता है ?
जब सूर्य की किरणें आगे बढ़ती है वह तरंगों के आकार में आगे बढ़ती है। तरंग दैध्य बड़े ही सूक्ष्म होते हैं , इस्वाज से इनकी दूरी को हम ( nm – manometer) मे मापते है।
1 m – 1,000,000,000 nm
1 मीटर – 1 अरब नैनोमीटर
तरंग दैध्य के माध्यम से जब हम सूर्य के किरणों के साथ रंगों के बारे में बात करें तब बैगनी रंग का तरंग दैर्ध्य सबसे कम होता है 450–400एनएम तक , और वही हम लाल रंग की बात करें तो उसका तरंगदैर्ध्य सबसे ज्यादा 625–700एनएम होता है ।
आसमान नीला क्यों होता है |
आसमान का रंग नीला क्यों होता है यह जानने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है रंगों का तरंगदैर्ध्य, जिस रंग का तरंगदैर्ध्य जितना कम होता है वह रंग उतना ज्यादा फैलता है या बिखरता है और जिस रंग का तरंगदैर्ध्य जितना ज्यादा होता है वह उतना कम बिखरता है।
इस हिसाब से बैगनी रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है इस वजह से वह आकाश में सबसे ज्यादा बिखरता है और लाल रंग जिस का तरंग दैर्ध्य सबसे ज्यादा होता है वह आसमान में सबसे कम बिखरता है।
लाल रंग के कम बिखराव के कारण और तरंग दैर्ध्य सबसे ज्यादा होने के कारण यह रंग दूर तक दिखाई पड़ता है। इस वजह से ही ट्रैफिक लाइट और गाड़ियों के पीछे टेल लाइट में लाल रंग का लाइट लगाया जाता है ताकि यह दूर से ही दिख सके।
अब अपने आकाश नीला क्यों नीला दिखाई देता है इस प्रश्न के संबंध में सारे वैज्ञानिक बातें जान ली है अब हम अपनी मुख्य प्रश्न की ओर बढ़ते हैं और जानते हैं कि आसमान का रंग नीला क्यों होता है?
जब सूर्य की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती है तब वह वायुमंडल में मौजूद विभिन्न गैस के मिश्रण धूल के कण और जलवस (water vapour) से टकराती है ।
सूर्य के किरणों के साथ अलग-अलग रंग अलग-अलग गति से यात्रा करते हैं और जिस रंग का तरंगदैर्ध्य जितना कम होता है वह आकाश में उतना ज्यादा फैलता है इस वजह से बैगनी और जामुनी कलर आकाश में चारों ओर आसानी से फैल जाता है।
जब बैगनी और जामुनी कलर हमारे वायुमंडल में प्रवेश करते वक्त ओजोन लेयर से टकराते हैं तब ओजोन पर्थ सूर्य की खतरनाक तरंगों को रोक देता है इस वजह से बैगनी और जामुनी कलर फीके हो जाते हैं और हमें दिखाई नहीं देते।
आसमानी कलर मे बैगनी और जामुनी दोनों मौजूद रहते हैं लेकिन हमें नेत्रों से दिखते नहीं है।
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Aasman Nila Kyon Hota Hai , आसमानी कलर क्या है – आसमान नीला क्यों होता है?
अब बारी आती है नीले रंग की, नीले रंग का तरंग दैर्ध्य वायुमंडल में मौजूद धूल कंकड़ के कारणों से थोड़ा बड़ा रहता है इस वजह से नीला रंग आसमान में ज्यादा दूर तक चलते जाता है और आसानी से कणों के साथ समाता नहीं है और हमारे वायुमंडल में देर तक मौजूद रहता है।
बाकी के रंग हरा पीला नारंगी और लाल अपने ज्यादा तरंगदैर्ध्य होने के कारण सीधे निकल जाते हैं और पृथ्वी की सतह से टकराते हैं और लुप्त हो जाते हैं। और हैं दिखाई भी नही पड़ते ।
आसमान नीला क्यों होता है मे आपने देखा बैगनी और जामुनी रंग कम तरंग दैर्ध्य होने के कारण ओजोन परत से टकराकर फीके पड़ जाते हैं और वहीं दूसरी ओर ज्यादा तरंगदैर्ध्य होने के कारण हरा पीला नारंगी और लाल रंग सीधे निकल जाते हैं और पृथ्वी की सतह से टकराकर लुप्त हो जाते हैं, लेकिन नीला रंग जिसका तरंगदैर्ध्य वायुमंडल में मौजूद धूल के कणों से और जलवास के बूंदों से थोड़ा बड़ा रहता है वाह आसमान में ज्यादा बिखरता है और लंबे समय तक आसमान में हमें दिखाई पड़ता है जिस वजह से हमें आसमान का रंग नीला दिखाई देता है।
- आसमान के ऊपर कौन रहता है? जनलेते है
आसमान के ऊपर कौन रहता है या आसमान के ऊपर क्या है यह जानने के लिए पहले हमें आसमान को जानना पड़ेगा कि आसमान क्या है? What Is Sky & What's Above Sky ?
आसमान क्या है आसमान वह सब है जो पृथ्वी की सतह से ऊपर मौजूद है या तक के स्पेस भी आसमान में ही आता है।
हम इंसान 1 दिन बिना खाए बिना पानी पिए जी सकते हैं लेकिन हम 1 मिनट भी बिना सांस लिए नहीं रह सकते इस वजह से हमारे वायुमंडल में मनुष्य के लिए ऑक्सीजन O2 , और पेड़ पौधों के लिए कार्बन डाइऑक्साइड CO2 मौजूद है ।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अगर हम समझना जाए कि आसमान के ऊपर क्या है या आसमान के ऊपर कौन रहता है तो इसका उत्तर है कि आसमान के ऊपर कोई नहीं रहता क्योंकि हम मनुष्य मनुष्य को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है।
वह सिर्फ हमारे पृथ्वी के एटमॉस्फेयर के अंदर ही मौजूद है लेकिन जैसे ही हम पृथ्वी की सतह से ऊपर जाते जाते हैं ऑक्सीजन की मात्रा हवा में घटते जाती है इस वजह से एक समय के बाद ऑक्सीजन पूर्ण रूप से खत्म हो जाता है। इस वजह से किसी भी मनुष्य का आसमान के ऊपर जीवन जीना संभव ही नहीं है।
मनुष्य द्वारा बनाए हुए उपग्रह ( satellite ) जो मनुष्य की जीवन व्यतीत करने में सहायता करते हैं यह सब आसमान के ऊपर मौजूद रहते हैं या आसमान में मौजूद रहते हैं और वहां से हमारी पृथ्वी पर निगाहें बनाए रखते हैं। तो आपने यह भी जान लिया कि आसमान के ऊपर कौन रहता है, या आसमान के ऊपर क्या है।
- आसमान में कितने तारे होते हैं ? How many star's are there in sky ? Let's Know
आसमान में कितने तारे होते हैं यह एक ऐसा प्रश्न है जो हर व्यक्ति के बचपन में या तो उसके माता-पिता या उसके गुरुजन या उससे वरिष्ठ व्यक्ति उससे एक ना एक बार पूछता ही है कि बेटा मुझे गिन कर बताओ कि आसमान में कितने तारे हैं।
तब उस बेचारे बच्चे को यह नहीं पता होता कि आसमान में कितने तारे हैं और वह 1,2,3 करके गिनना शुरू कर देता है लेकिन अंततः वह थक कर या गिनती भूल कर रुक जाता है।
आसमान में कितने तारे होते हैं |
आकाश में कितने तारे हैं और आसमान में कितने सितारे हैं यह एक ऐसा प्रश्न बन गया है जिस पर कवि कवित्री द्वारा अनेकों लेख कविता गाने बन चुके हैं, छोटे-छोटे बच्चों के बुक में तारे और सितारों की कविताएं रहती है।
दादा दादी नाना नानी अपने पोता पोतियो को तारों की कहानी सुनाते हैं और बच्चे उन्हें सुनकर बड़े ही खुश हो जाते हैं। अगर आपको भी तारों की कहानी और परियों की कहानी पढ़नी है तो यहां क्लिक कीजिए 👇
चलिए अब हम यह भी जान लेते हैं कि आसमान में कितने तारे हैं देखिए तारे जो है वह सूर्य से भी ज्यादा बड़े हैं। क्यों आपको भी यह सुनकर हैरानी हुई जी हां आपने सही सुना आसमान में हमें देखते हुए तारे सूर्य से भी आकार में 3 से 4 गुना बड़े हैं ।
अब आपके मन में यह प्रश्न आ रहा होगा लेकिन वह तो हमें बड़े ही छोटे और प्यारे दिखते हैं ?
जी हां आपने सही देखा है तारे असल में रहते सूर्य से भी बड़े हैं लेकिन उनकी दूरी पृथ्वी से इतनी ज्यादा होती है कि जिस वजह से वह हमें छोटे छोटे दिखते हैं। तारे जिसे हम इंग्लिश में स्टार ( Star 🌟 ) कहते हैं।
जिस सूर्य को हम देखते हैं वह भी एक स्टार है वह हमारे ब्रह्मांड जिसे मिल्की वे गैलेक्सी कहते हैं उसका स्टार है ऐसे ही अन्य स्टार आसमान में मौजूद और ब्रह्मांड में मौजूद है।
हम स्टार की या अंतरिक्ष में किसी भी वस्तु की दूरी जब हम पृथ्वी के जमीनी स्थल से लगाते हैं तो उसे हम लाइट ईयर्स light Years में नापते हैं ।
1 Light Years – 9.461 × 1015 metres
सूरज की दूरी पृथ्वी से 147.2 million (मिलियन) km है। सूची सूरज जो हमें इतना बड़ा दिखता है वह असल में हमारी पृथ्वी से कितना दूर है और रही बात तारों की तो वह जितना सूर्य पृथ्वी से दूर है उससे भी 10 – 15 गुना दूर है।
अब इतनी दूरी होने के कारण यह हमारे नेत्रों में बड़े ही छोटे दिखते हैं। अब हम लड़ते हैं अपने प्रश्न की ओर आसमान में कितने तारे हैं।
वैसे तो यह आज तक कोई दिन नहीं पाया है कि आसमान में कितने तारे हैं और आप कहीं भी देख ले कि कोई व्यक्ति या रोबोट या और कोई भी आसमान में कितने तारे हैं इसका उत्तर आपको डिजिट में या नंबर के आधार पर देता है तब वह एप्रोक्सीमेट तरीके से कैलकुलेट किया हुआ रहता है वह सब सटीक उत्तर नहीं रहता।
आसमान में कितने तारे हैं यह आज तक कोई पता नहीं लगा पाया और कोई इसका सटीक उत्तर नहीं दे पाया लेकिन हम फिर भी आपको इसका एक अप्रॉक्स उत्तर बता देते हैं , कि आसमान में 20 बिलियन ट्रिलियन स्टार मौजूद है और यह दिन प्रतिदिन बढ़ते घटते रहते हैं।
- धरती से आसमान की ऊंचाई और आसमान की ऊंचाई कितनी है।
धरती से आसमान की ऊंचाई कितनी है यह भी एक ऐसा प्रश्न है जो लोगों के मन में बहुत बार आता है लेकिन उन्हें इसका उत्तर नहीं मालूम होता इसलिए हम आपको आज धरती से आसमान की एकदम सटीक ऊंचाई बताएंगे।
हम आपको ऊपर जब वायुमंडल के बारे में बता रहे थे तब हम वायुमंडल में मौजूद अलग-अलग मंडल के बारे में आपको बताया जिसमें हमने उसकी ऊंचाई जमीनी स्तर से कितनी है यह भी बताया।
पृथ्वी के वायुमंडल का सबसे ऊपरी मंडल बहिर्मंडल सबसे बड़ी मंदिर का अंत 10000 किलोमीटर में होता है उसके बाद अंतरिक्ष की शुरुआत होती है। लेकिन यह 10000 किलोमीटर आसमान की ऊंचाई नहीं है यह तो हमारे वायुमंडल की जमीनी स्तर से ऊंचाई है कि हमारा वायुमंडल में 10000 किलोमीटर तक मौजूद है।
आसमान के ऊपर कौन रहता है और क्यों रहता है , आसमानी कलर के बारे मे जानेंगे
हमने आपको आसमान के ऊपर कौन रहता है के टॉपिक में हमने आपको आसमान क्या है यह बताया लेकिन हम फिर से एक बार आपको बता देते हैं कि आसमान धरती की सतह से ऊपर जितनी भी चीजें हैं जितने भी लेयर है अंतरिक्ष सब आसमान में आते हैं।
यानी कि जमीनी स्तर से 1 इंच ऊपर की परत को हम आसमान कह सकते हैं।
इस हिसाब से जिस चीज का अंत हमें नहीं मालूम क्योंकि आसमान तो अंतरिक्ष में भी है और अंतरिक्ष का अंत कहां है यह आज तक किसी को मालूम नहीं है।
इस वजह से हम आसमान की ऊंचाई को नंबर में या संख्याओं में नहीं लिख सकते। आसमान अनंत है, की कोई सीमा नहीं है आकाश अनंत है।
तुमने यह भी जाना कि आसमान की ऊंचाई कितनी है आसमान अनंत है उसे संख्याओं में नहीं मापा जा सकता।
- Quora के आधार पर आकाश नीला क्यों दिखाई देता है।
Quora के आधार पर अगर हम आकाश नीला क्यों दिखाई देता है यह जाना चाहिए , तो Quora के एक्सपर्ट अभिषेक कुमार जी ने आसमान नीला क्यों होता है? को बड़े ही सरल शब्दों में समझाया है उनका लेख जाकर आप पढ़ सकते हैं।
- Youtube Video से जानेंगे आकाश नीला क्यों होता है ।
हम यूट्यूब वीडियो के आधार से भी जनसक्ते है की आसमान नीला क्यों होता है, और आकाश नीला क्यों दिखाई देता है।
Genral FAQ Questions
Q. अंतरिक्ष यात्रियों को आसमान काला रंग क्यों दिखाई देता है?
Ans. अंतरिक्ष से अगर हम आकाश का देखे तो वह हमे काला दिखाई देता है, ऐसा इसलिए होता है , क्योंकि अंतरिक्ष मे कोई वायुमंडल मौजूद नहीं है, जिस वजह से सूर्य की किरण धूल के कण , जलवास से नहीं टकराते और ना ही अपना रंग बिखेरते है । इसलिए हमें अंतरिक्ष से आकाश का रंग देखने पर काला दिखाई देता है।
Q. आकाश से पृथ्वी कैसी दिखती है?
Ans. आकाश से जब हम पृथ्वी को देखते हैं तब वह हमें नीले रंग की दिखाई देती है, क्योंकि हमारी पृथ्वी में 70% जल है और मात्र 21% जमीन जिस वजह से आकाश का नीला रंग पानी से रिफ्लेक्ट होकर हमें आकाश या अंतरिक्ष में नीले रंग का दिखता है।
जिस कारण से पृथ्वी भी हमें आकाश या अंतरिक्ष से नीले रंग की दिखाई पड़ती है। इस वजह से ही पृथ्वी को ब्लू प्लेनेट Blue Planet कहा जाता है।
Q. पृथ्वी नीला क्यों दिखाई देता है?
Ans. पृथ्वी में लगभग 70% भाग मे समुद्र है , और मात्र 21% स्थान पर धरती इस वजह से आकाश का नीला रंग पानी से रिफ्लेक्ट होकर हमें अंतरिक्ष से नीला दिखता है। जहां जहां पर समुद्र है वह स्थान हमें नीला और जहां जहां पर धरती है वह स्थान हमें धरती के रंग का दिखता है।
Q. आसमान का असली रंग क्या है?
Ans. आसमान का या आकाश का असली रंग दरअसल कुछ भी नहीं है, आसमान नगन्य है। यह सूर्य की किरणों और धूल कण एवं वायु मंडल के मौजूद होने के कारण रंगीन हो जाता है।
आसमान नीला क्यों होता है Conclusion : –
आज हमने आसमान नीला क्यों होता है, आसमानी कलर मैं आकाश के सभी रंगों को वैज्ञानिक तथ्य यूट्यूब के वीडियो के आधार पर समझा उसके साथ ही आसमान में कितने तारे होते हैं और आसमान की ऊंचाई कितनी है यह सब भी जाना इसके अलावा आसमानों पर जो खुदा है इसके विषय में भी बात की अंततः आकाश का विलोम शब्द और आकाश का पर्यायवाची भी हमने देखा।
हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह छोटा सा आर्टिकल जिसमें हमने आकाश नीला क्यों दिखाई देता है और आसमान नीले रंग का क्यों होता है या आसमान नीला क्यों होता है आपको बताया अगर आपको यह पोस्ट जरा सा भी पसंद आया जिसे अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें और उन्हें भी बताएं आसमानी कलर के बारे में ।अगर हमारे से कोई त्रुटि हो गई हो तो इसे कमेंट सेक्शन में अवश्य बताएं।
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