Desi Kahani – अच्छी अच्छी कहानी
चलिए हम अपनी देसी कहानियां (Desi Kahani) पढ़ना शुरू करते हैं।
अच्छी अच्छी कहानी , Desi Kahani - छोटे बच्चो की कहानियां , कहानी सुनाओ
Hindi Moral Story, कहानियां |
राजा महाराजा के समय की बात है । एक धान के व्यापारी के यह चोरी हो गई । भूत ढूंढने के बाद भी ना ही सामान मिला ना ही उस चोर का पता चला ।
तब उस व्यापारी को कुछ नहीं सूझा और वह सीधे शहर के मशहूर काजी के पास पहुंच गया और उसे चोरी की सारी बात बताई।
सबकुछ सुनने के बाद काजी ने व्यापारी के मंत्रियों को बुलाया। जब सब सामने पहुाँच गए तो काजी ने सब को एक-एक छडी दी। सभी घड़ियां बराबर थी, न कोई छोटी न ही बडी।
सब को छडी देने के बाद काजी बोला, “इन घड़ियों को आप सब अपने – अपने घर ले जाओ और कल सुबह वापस ले आना । इन सभी घड़ियों की खासियत यह है की यह चोर के पास जा कर ये एक उंगली के बराबर अपने आप बढ़
जाती हैं। जो चोर नहीं होता, उस की छडी जैसी है वासी ही रहती है । न बढ़ती है, न ही घटती है। इस तरह मैं चोर और बेगुनाह की पहचान कर लूंगा ।“
सब ने अपनी अपनी घड़ी चुन ली , और काशी के कहे अनुसार उसे अपने अपने घर ले गए।
उन्ही मंत्रियों के बीच में व्यापारी के यहां चोरी करने वाला चोर भी था। जब वह अपने घर पहुाँचा तो उसने सोचा, “अगर कल
सुबह काजी के सामने मेरी घड़ी एक उाँगली बडी निकली तो वह मुझे तुरंत पकड लेंगे। किर न जाने वह सब के सामने कौन सी सजा देंदेगे
Desi Kahani या Moral Story In Hindi का दूसरा भाग ( Part II ) Desi Kahani 2 पढ़ने के लिए नीचे दिए हुए लिंक को दबाए👇👀
यह भी अच्छी अच्छी कहानी है और छोटे बच्चो की कहानियां है 👆👆( कहानी बताइए )
इसलिए क्यों न इस विचित्र छडी को एक उाँगली काट ही दिया जाए। ताकी काजी को कुछ भी पता नही चले।‘
चोर यह सोच बहुत खशु हुआ और किर उस ने छडी को एक उाँगली के बराबर काट दिया । फिर उसने उसे ऐसा कर दिया की पता ही न चले की वह कही से काटी गई है।
अपनी इस चालाकी पर चोर बहुत खशु था और इस खुशी में वह चादर तान कर सो गया। सुबह चोर अपनी छडी लेकर खुशी – खुशी काजी के यहा पहुाँचा। वह पहले से ही सभी लोग जमा थे।
काज़ी एक-एक कर सब की घड़ी देखने लगा। जब चोर की बारी आई और उसने उसकी घड़ी देखी तो वहां एक उंगली छोटी थी । उस ने तुरंत चोर को पकड़ लिया और उससे पूछताछ करके व्यापारी का सारा लूटा हुआ माल निकलवा लिया और उस चोर को जेल में डाल दिया गया।
व्यापारी और सभी मंत्री गण काज़ी की इस अन्होकी तरकीब से बहुत प्रसन्न हुए।
आज की Moral Story In Hindi या फिर आज की देसी कहानी चालाक काज़ी की कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है की इंसान चाहे जैसी भी स्थिति मैं क्यों ना हो उसे उस समय अपनी बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए। पूरे संसार में सबसे श्रेष्ठ एवं बुद्धि जीवी किसी प्राणी को माना गया है, तो वह स्वयं मनुष्य है। ( कहानी सुनाओ )
कहानी अच्छी अच्छी , अच्छी अच्छी कहानी - Desi Kahani कहानी बताइए ( कहानी सुनाओ )
Moral Story In Hindi , Desi Kahani |
टॉमी 🐶 ने हंसते हुए जवाब दिया- 'बंधन में, मैं नहीं मेरा मालिक है, उसे हर पल मेरा ख्याल रखना पड़ता है| मैं यदि सुबह पांच बजे जागूं तो मालिक 👨 को भी उठना पड़ता है....|
कारण बस इतना ही है कि तुम मेहनत की खाते हो और मैं मुफ्त की' इस सत्य को सुन कालू का 🐾 सिर गर्व से तन गया और वह खुशी से उछलता पुनः सड़क पर दौड़ने लगा|
इंसान हो या जानवर इस संसार में सबको बनाया ईश्वर ने ही है और सबको अपना जीवन जीने का सामान अधिकार भी दिया है, लेकिन सब का भाग्य एक समान नहीं होता किसी को कुछ ज्यादा मिलता है वहीं दूसरी तरफ किसी को कुछ कम।
सबसे श्रेष्ठ कौन इस कहानी के माध्यम से हम आपको यह बताना चाहते हैं कि किसी भी जीव को दिखावा नहीं करना चाहिए या अपने से कमजोर जीव को सताना नहीं चाहिए सबको मिलजुल कर अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए।
Desi Kahani , छोटे बच्चो की कहानियां - अच्छी अच्छी कहानी ( कहानी बताइए )
Desi Kahani, अच्छी अच्छी कहानी |
एक घने जंगल में एक छोटा चूहा 🐀और सयानी बिल्ली🐈⬛ साथ- साथ रहते थे। चूहा और बिल्ली साथ-साथ खेलते, ⚾काम करते और खाना🥐 खाते थे। बिल्ली का खाना हमेशा पक्षी- जैसे चिड़िया, 🐦कबूतर आदि हुआ करते थे, जबकि चूहा हमेशा शंख आलू🥐 (शंख के आकार का) खाया करता था।
एक दिन ऐसे ही बिल्ली ने छोटे चूहे से कहा, मै इस जंगल 🌲में रहते-रहते बोर हो गई हूं, इसलिए मैं किसी गांव🏡 में जाकर रहना चाहती हूं। गांव में जाकर रहने से क्या होगा? चूहे ने आंखें मिचमिचाते हुए बिल्ली से पूछा। अरे बुद्धू, गांव में बहुत सारे घर होते हैं। ना ही मुझे पक्षियों का सीकर करना पड़े और न ही तुझे आलू खोजने के लिए मशक्कत! बिल्ली ने अपने पंजों को चाटते हुए कहा।
चूहे ने यह सुन खुश होते हुए कहा, सोच तो बुरी नहीं लेकिन हम दोनो बड़े बड़े घरों वाले गांव कैसे पहुंचेंगे?...
सामने इतना बड़ा और गहरा समुद्र🌊 जो है। समुद्र पार करने के लिए हम दोनों को मिलकर एक नाव बनानी पड़ेगी, बिल्ली ने अपनी चमकती आंखों से चूहे की ओर देखते हुए कहा।
लेकिन हम किस चीज की नाव🛶 बनाएं?' चूहे ने अपने सिरपर हाथ फेरते हुए बिल्ली से पूछा। चूहे की इस सलाह पर बिल्ली भी एक पल के लिए सोच में पड़ गई। अचानक उसकी नजर चूहे द्वारा कुतरे हुए शंख आलू 🥐पर पड़ी। अगर तुम कहीं से एक मोटा, बहुत बड़ा शंख आलू ले आओ तब हम उसकी एक नाव बनायेगे और इस विशाल समुद्र को पार कर लेंगे।
सयानी बिल्ली ने चूहे को सुझाव दिया। बिल्ली की बात सुन चूहा🐁 कुछ ही देर में एक बहुत बड़ा शंख आलू ले आया और बिल्ली के साथ मिलकर एक सुंदर नाव बना डाली।
अचानक चूहे के मन में विचार आया कि उसकी नाव शंख -आलू 🥔 की ही तो बनी है। बस, फिर क्या था। चूहे ने नाव का थोड़ा -सा हिस्ता पल भर में चट कर डाला, लेकिन शंख आलू के स्वाद ने चूहे की भूख भड़का दी और उसने नाव - का एक हिस्सा इतना खा लिया कि नाव 🛶में एक बहुत बड़ा -छेद हो गया और नाव पानी में डूबने लगी। चूहा मदद के -लिए चिल्लाने लगा।
चूहा तेजी से बिल में सुरंग खोदकर ⛏️जंगल की ओर भाग गया और बिल्ली बिल के बाहर इंतजार करती रह गई। कहते हैं बिल्ली 🐈और चूहे 🐀में तभी से दुश्मनी ठन गई।
थोड़ी ही देर में नाव में पानी भर चुका था और देखते ही देखते नाव पानी में समा गई। चूहे-बिल्ली ने तैरकर 🏊 किनारे पहुंच किसी तरह - अपनी जान बचाई।
तुम मुझे खाओगी तो तुम्हारा मुंह खराब हो जाएगा...। क्यों न तुम मुझे मेरे बिल के पानी से नहाने 🚿दो। बाद में खाओगी तो मुंह खराब नहीं होगा। चूहे ने कांपते हुए बिल्ली से कहा। बिल्ली चूहे के झांसे में आ गई और चूहे को उसके बिल में जाने दिया।
0 टिप्पणियाँ