Ganesh Chaturthi - गणेश जी की कहानी

Ganesh Chaturthi , Ganesh Ji ki kahani, गणेश चतुर्थी कहानी Ganesh Chaturthi 2023



गणेश जी की कहानी , आइए आज हम आपके लिए भगवान श्री गणेश जी ( श्री गणेशाय नमः की दो रोचक मजेदार भावनात्मक एवं ज्ञानवर्धक कहानियां लेकर प्रस्तुत है। गणेश स्तुति श्लोक एवं कई सारी कहानियां है। गणेश चतुर्थी , Ganesh chaturthi 2023, Ganeshji ( छोटे बच्चो की कहानियां )



        🚩Happy Ganesh Chaturthi🚩


📿वक्रतुंड महाकाय , सूर्य कोटी समप्रभा
   निर्विघ्नम कुरु मे देवो , सर्व कार्य सुसर्वदा📿



हे गणेश जी महाराज आपका विशाल रूप और आप सूर्य की तरह चमकने वाले , आपसे यह मांग है की हमारे कार्य में कोई बाधा ना हो। 🚩🚩


भगवान श्री गणेश जी हर बाधा को दूर करते हैं इसीलिए भगवान श्री गणेश की पूजा सभी पूजा से पहले की जाती है। Ganesh chaturthi 2023


यह कहानी आपको मनोरंजन, तो देगी ही परंतु यह आपको जीवन का महत्व भी बताएगी । Ganesh chaturthi 2022के इस पवन अवसर पर गणेश जी के जीवन पर आधारित कहानी बेहतरीन ,मनोरंजन, प्रेरणादायक कहानी गणेश जी की कहानी



गणेश चतुर्थी , Ganesh Chaturthi 2022
गणेश चतुर्थी , Ganesh Chaturthi 2022



भगवान श्री गणेश जी हर विघ्न और बाधा को दूर करते है। गणेश जी को अनेकों नाम से पुकारा जाता है जैसे कि विघ्नहर्ता लंबोदर गजानन अष्टविनायक ऐसे 108 नाम है। भगवान Ganesh Ji जीवन में आ रही सभी बाधाओं को दूर करते हैं, इसीलिए भगवान श्री गणेश जी की पूजा हर पूजा से पहले की जाती है। Ganesh chaturthi , Ganesh ji


आज हम आपके लिए भगवान श्री गणेश की दो रोचक और ज्ञानवर्धक कहानियां लेकर आए हैं। 



Ganesh Chaturthi – गणेश जी की कहानी , श्री गणेशाय नमः , छोटे बच्चो की कहानियां 




भगवान श्री गणेश जी का बाड़ा मस्त बा सोचने और बड़ा करने की ऊर्जा देता है । उनके बड़े से कान ज्यादा सुनने और कम बोलने का संदेश देते हैं भेजी की छोटी-छोटी नन्ही आंखें निरंतर लक्ष पर केंद्रित रहने का संदेश देती है। Ganesh Chaturthi , Ganesh Ji ki kahani


गणेश उत्सव के इस मौके पर उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में ग्रहण कीजिए।



तोड़ लिया अपना दांत ,  गणेश जी की कहानी


Ganesh ji ki kahani , गणेश चतुर्थी
Ganesh ji ki kahani , गणेश चतुर्थी


गणेश जी के एकदंत को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित है , उनमें से एक कथा के अनुसार जब महा ऋषि वेद व्यास महाभारत लिखने के लिए बैठे तो उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की जरुरत थी जो उनके मुख से निकली महाभारत की कहानी को लिखें । इस कार्य के लिए उन्होंने श्री गणेश जी का चयन किया । 


इस महाकार्य के लिए भगवान श्री Ganesh Ji भी मान गए परंतु उन्होंने वेदव्यास जी के सामने एक शर्त रखी कि पूरे महाभारत लेखन के कार्य को एक पल के लिए भी बिना रुके हमे पूरा करना होगा।


भगवान श्री गजानन जी ने भी महर्षि वेदव्यास जी से कहा अगर आप एक बार भी बोलते हुए रुके, तो मैं वही लिखना बंद कर दूंगा।


महर्षि वेदव्यास ने गणेश जी की इस शर्त को मान लिया, लेकिन वेदव्यास जी ने भी गणेश जी के सामने शर्त रखी और कहां गणेश जी आप जो भी लिखोगे समझकर ही लिखोगे गणेश जी भी उनकी शर्त मान गए।


दोनो महाकावय लिखने के लिए स्थान पर बैठे गए. वेदव्यास जी ने महाभारत के काव्य को बोलना शुरु किया और Ganesh Ji आहिस्ते – आहिस्ते काव्य लिखने लगे, लिखते–लिखते कुछ देर बाद अचानक गणेश जी की कलम टूट गई । दरअसल कलम महा ऋषि के बोलने की तेजी को संभालना न सखी।



गणेश जी की कहानी, गणेश चतुर्थी, ganesh chaturthi 2023 ( गणेश स्तुति श्लोक )



भगवान श्री Ganesh Ji को समझ में आ गया था , की उन्हें थोड़ा अभिमान हो गया था, उन्होंने महर्षि की शक्ति और ज्ञान को कम आक लिया । 


उसके बाद उन्होंने धीरे से अपना एक दंत तोड़ लिया और स्याही में डूबा कर दोबारा महाभारत की कथा लिखने लगे । 


जब भी वेदव्यास जी को थकान महसूस होती वे एक मुश्किल – सा – छंद बोलते जिसको बुझने और लिखने में श्री Ganesh Ji को ज्यादा घड़ी, लग जाता और महा ऋषि को विश्राम करने का समय भी मिल जाता।


कहते हैं कि महर्षि वेदव्यास जी और श्री गणेश जी को महाभारत लिखने में तीन वर्ष लग गए वैसे तो कहा जाता है कि महाभारत के कुछ छंद गुम हो गए हैं परंतु आज भी इसमें करीब एक लाख छंद है।



Ganesh Ji ki kahani , Ganesh chaturthi 2023 – गणेश जी की कहानी सुनाओ




राक्षस को बनाया मूषक गणेश चतुर्थी 


गणेश जी की कहानी , गणेश चतुर्थी
गणेश जी की कहानी , गणेश चतुर्थी

गणेश जी ने अपना वाहन मूषक क्यों चुना इस संबंध में भी कहीं कई कथाएं मिलती है एक कथा जो की सर्वोचय प्रचलित है वह कथा आज हम आपके लिए लेकर प्रस्तुत हैं।


पौराणिक युग में एक बार असुरों के असुर, दैत्य दानवों के गुरु असुरों के राजा गजमुख। वह बहुत ही शक्तिशाली, बलवान, एवम धनवान बनना चाहता था। इस कारण वस वह हमेशा भगवान शिव से वरदान प्राप्त करने हेतु उनकी तपस्या में लीन रहता था।



          HAPPY GANESH CHATURTHI
अभी तक और Ganesh chaturthi में  ( गणेश जी की कहानी  ) गणेश चतुर्थी इसे पढ़कर आपको कैसा लगा पूरी कहानी के जरुरु बताये...! चलिए आगे बढ़ते है...!👇👀👇 



शिव जी से वरदान पाने के लिए वह अपना राज्य छोड़कर जंगल में जाकर रहने लगा और शिव जी से वरदान प्राप्त करने के लिए बिना भोजन और पानी के दिन रात तपस्या करने लगा।


कुछ साल बीत गए शिवजी उसके अपार तप को देखकर प्रभावित हुए, और उसके सामने प्रकट हुए। शिव जी ने खुश होकर उससे दैविक शक्तियां प्रदान की, जिससे वह बहुत शक्तिशाली बन गया।


सबसे बड़ी ताकत तो शिवजी ने उसे प्रदान की वह यह थी कि उसे किसी भी शास्त्र से नहीं मारा जा सकता था। असुर राज गजमुख अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने लगा और देवी-देवता, साधु – संत एवम तीनों लोको के सभी प्राणियों पर आक्रमण करने लगा।


भगवान शिव जी, विष्णु जी, ब्रह्मा देव और मामा श्री गणेश ही गजमुख के आतंक से बचे हुए थे। पापी गजमुख चाहता था की हर मनुष्य , तीनो लोको के प्राणी एवं देवी देवता सभी उसकी पूजा करे।



गणेश स्तुति श्लोक – गणेश जी की कहानी ( गणेश चतुर्थी 2022 ) Ganesh Chaturthi 




गजमुख का यह आतंक देखकर शिव जी ने उसे यह सब करने से रोकने के लिए युद्धस्थल में भगवान श्री  गणेश जी को भेजा।


भगवान श्री गणेश जी ने असुर गजमुख के साथ भीषण युद्ध किया , जिसकी पुकार पूरे तीनों लोको मैं गूंजने लगीं।


सभी की निगाहे इसी पर थी की युद्ध का परिणाम क्या होगा। युद्ध समाप्त हुआ भगवान गणेश जी ने उसे बुरी तरह से घायल कर दिया लेकिन तब भी वह नहीं माना। 

शिवजी के वरदान के कारण गजमुखको मारा नहीं जा सकता था। गणेश जी के साथ युद्ध करते करते वर्षों बीत गए थे लेकिन गजमुख को किसी भी शास्त्र से परास्त नहीं किया जा पा रहा था।


इसलिए गणेश जी ने निर्णय किया कि इसे एक मूषक में परिवर्तित कर देना उचित होगा जिससे यह युद्ध भी समाप्त होगा और यह दोबारा किसी भी मनुष्य और प्राणियों को हानि नहीं पहुंचा पायेगा।


गणेश जी ने उसे एक मूषक बना दिया । गजमुख गणेश जी के चरणों में जाकर गिर गया और कहने लगा प्रभु मुझसे बहुत बड़ी भूल हो गई मैंने भगवान शिव जी से सारे वरदान प्राप्त कर ली है लेकिन मुझसे यह भूल हो गई कि मैं उन्हीं के प्रिय पुत्र से ही युद्ध करने की भूल कर बैठा। 


मेरी आपसे यह विनती है कि आपने मुझे एक मूषक तो बना दिया है अब आप मुझे अपने वाहन के तौर पर स्वीकार करिए प्रभु।


Ganesh ji के सरल , दयालु स्वभाव के कारण उन्होंने उसे अपना वाहन स्वीकार कर लिया औरकुछ दिनों बाद उनका वह मूषक श्री गणेश जी का प्रिय मित्र बन गया।


हम आशा करते हैं कि आपको गणेश चतुर्थी तिथि , गणेश चतुर्थी 2023 ( Ganesh Chaturthi 2023 ) और आज की गणेश जी की कहानी पसंद आई होगी । गणेश स्तुति श्लोक भी हमने आज आपको बताया , छोटे बच्चो की कहानियां पढ़े।


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