छोटे बच्चो की कहानियां - Best Hindi Story And Bacchon Ki Kahani, मूर्ख बंदर की कहानी
छोटे बच्चो की कहानियां और कहानी अच्छी अच्छी (Best Hindi Story And Bacchon Ki Kahani) आपको हम आज कहानी इन हिंदी में कहानी सुनाएंगे । आज की बच्चो की मजेदार कहानियां पड़कर आपको मजा आ जायेगा। आज की सभी नानी की कहानियां और बच्चो की कहानियां अच्छी अच्छी हम आपके लिए खंगाल कर लेकर आए है ।
कहानी अच्छी अच्छी और कहानी इन हिंदी आपको नैतिक शिक्षा और आचार विचार का ज्ञान देगी । नानी की कहानियां और छोटे बच्चो की कहानियां आपको मनोरंजित करेगी । ( कहानी सुनाओ )
बच्चो के लिए कहानियां और कहानी बच्चो की आप अपने छोटे बच्चो को सुना सकते है । हमारी आज की कहानी बताइए आपके बच्चो को स्किशा प्रदान करेगी और जीवन की शिक्षा, आचार विचार, और संस्कार प्रदान करेगी । कहानी बच्चो की ओर छोटे बच्चो की कहानी सुनाओ
छोटे बच्चो की कहानियां |
Best Hindi Story And Bacchon Ki Kahani
चलिए हम अब अपनी छोटे बच्चो की कहानियां और नानी की कहानियां ( कहानी अच्छी अच्छी ) की यात्रा शुरू करते है
१. मूर्ख बंदर कहानी । The foolish Monkey story in Hindi
छोटे बच्चो की कहानियां |
एक घना जंगल था वहां बहुत से जंगली जानवर रहते थे उनमें से एक था अलसी सुस्त बंदर। वह इतना बड़ा कामचोर था ना तो वो अपने भोजन की तलाश में जाता ना हीं अपना काम खुद करता ।
एक दिन की बात है बंदर को लगती है भूख तो वह अपने लिए खाना ढूंढ लेना छोड़ इस उम्मीद में रहता है कि कोई उसे खाना लाकर दे दे। इतने ही देर में एक हाथी वहां से केला खाते हुए गुजरता रहता है। तो बंदर हाथी को केला खाते हुए देख लेता है तब उसके पास चला जाता है जाके उसका केला छीन कर खा लेते हैं। जिस पर हाथी को गुस्सा आ जाता है हाथी बंदर से कहता है।
हाथी : ओए बंदर तुझे शर्म नहीं आती मेरा भोजन छीन के खाते हो एक तो भोजन नहीं ढूंढते हो और ऊपर से मेरा भोजन छीन कर खा लेते हो वह भी मेरे ही सामने
बंदर : अरे दोस्त क्यों गुस्सा हो रहे हो आगे से मैं तुम्हारा भोजन नहीं छीनूगा ।
बच्चो की मनोरंजक कहानियां |
यह कहकर बंदर वहां से चला जाता है। थोड़ी दूर जाने के बाद बंदर को एक खरगोश दिखता है जो गाजर खाते रहता है , वह उसके पास जाके गाजर छीन लेता है
खरगोश : तुम कितने बेशर्म जानवरों मैं इतनी मुश्किल से एक गाजर ढूंढ के लाया था और वह भी तुम मुझसे छीन ली खुद तो अपना भोजन लाते नहीं हो और दूसरों का मांग मांग कर यह छीन के खाते हो।
यह बात सुनकर बंदर वहां से चला गया । अगले दिन शेर जो कि कुछ फलों को छुपा कर रख रहा था यह सब बंदर देख लेता है वाह शेर के पास जाता है और उसके फल चुरा लेता है यह देख कर शेर को बहुत गुस्सा आता है।
शेर : तुम्हारी इतनी हिम्मत तुमने जंगल के राजा यानी मेरे फल चुराए और उसे खा लिया तुम इसी जंगल के जानवर हो इसलिए तुम्हें छोड़ रहा हूं वरना तुम कल का सूरज नहीं देख पाते। चले जा यहां से और मुझे दोबारा दिखाई मत देना।
शेर की आवाज सुनकर बंदर दुखी हो गया और वहां से चला जाता है जाते-जाते दोपहर हो जाती है फिर उसको एक आम का पेड़ दिखता है जिसमें पक्के पक्के रसीले नारंगी रंग के आम फले हुए रहते हैं।
बंदर : अरे वाह कितना बड़ा पेड़ है रसीले आम वह भी इतने सारे हैं अगर मैं इन सब को तोड़ दूं तो मुझे काफी दिन तक भोजन की तलाश करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। और मैं किसी का भोजन में नहीं चुरा लूंगा तो मुझे किसी की डांट भी नहीं खानी पड़ेगी।
इतने में बंदर एक कुल्हाड़ी लेकर पेड़ की एक्टरनी के ऊपर बैठकर उस टहनी को काटने लगता है जिधर वहां खुद बैठा रहता है इतने में वहां खरगोश आता है।
खरगोश : अरे दोस्त यह क्या कर रहे हो जिस डाल में बैठे हो उसे ही काट रहे हो तुम तो गिर जाओगे तुम्हें चोट लग जाएगी।
बंदर : चला जा यहां से तू इतना छुटकू सा है और मेरे को चला सिखाने चल भाग यहां से।
यह बच्चों की कहानियां आपको जरूर पसंद आएगी।
तभी वहां हाथी भी आ जाता है।
हाथी : अरे दोस्त यह क्या कर रहे हो ऐसे में तो तुम गिर जाओगे।
बंदर : यह सारे आम मेरे भोजन है मैं अपना भोजन खुद ढूंढ रहा हूं तुम्हें इससे क्या।
कहानी सुनाओ , कहानी बताइए |
थोड़ी देर में शेर भी वहां आ जाता है और बंदर को समझाने की कोशिश करता है लेकिन बंदर शेर की भी बात नहीं मानता है और उसे भी जाने को कहता है लेकिन इतने में ही वह डाल कट के नीचे गिर जाती है बंदर को चोट लगती है तब शेर कहता है।
शेर : देखा बेवकूफ हम तुम्हें इतनी देर से यही तो समझाने की कोशिश कर रहे थे तुम गिर जाओगे और तुम्हें चोट लगेगी भोजन मेहनत से मिलता है बेवकूफी से नहीं मूर्ख बंदर।
उस दिन से बंदर को खुद की बेवकूफी का एहसास हुआ और वह खुद अपने लिए भोजन ढूंढ शुरू किया
निष्कर्ष :
दोस्तों आज की नानी की कहानी और कहानी अच्छी अच्छी पढ़ने के बाद हमे यह शिक्षा मिलती है की ,हमें यह कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि किसी मूर्ख को समझाना खुद का सर पत्थर में मारने समान है।
हम उम्मीद करते है की आपको मूर्ख बंदर की कहानी पसंद आई होगी । चलिए अब हम अपनी दूसरी कहानी इन हिंदी , बच्चो के लिए कहानियां पढ़ते है ।
छोटे बच्चो की कहानियां – Best Hindi Story , नीले लोमड़ी की कहानी सुनाओ
२. नीले लोमड़ी की कहानी । The Blue fox story in Hindi
एक बार की बात है एक हरा भरा जंगल था। जिसमें एक लोमड़ी रहता था जोकि बहुत चालाक तो था लेकिन बहुत आलसी भी था।
एक दिन लोमड़ी पेड़ के नीचे आराम फरमाते हुए सोचता है
लोमड़ी : कितना अच्छा होता अगर खाना मेरे पास खुद आ जाता और मुझे मेहनत करना ही नहीं पड़ता। कितना अच्छा होता अगर नदी का मीठा पानी मेरे पास खुद उड़ता हुआ आ जाता और बैठे-बैठे मेरी प्यास बुझा दे। ओहो कितना अच्छा होता अगर यह सूरज मेरे ऊपर धूप नहीं छाव बरसाए । बस इतना ही मैं ज्यादा कुछ नहीं मांग रहा हूं।
जी हां लोमड अलसी ही नहीं खयाली पुलाओ भी पकाता था। पूरा दिन पेड़ के नीचे पड़े पड़े सपने देखता कि वह कहीं का राजा है और सभी जानवर उसके गुलाम है और उसका हुक्म मानते हैं।
सारे जानवर : महाराज लोमड़ की जय हो। महाराज लोमड जय हो
लोमड़ी : हां हां बस करो यह बताओ मेरा खाना कहां है।
शेर तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई हां तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई।
शेर : कैसी हिम्मत!
लोमड़ी : अरे नहीं मैं आज फिर से सपना देख रहा था।
शेर : तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई सपने में भी मुझसे ऐसे बात करने की।
शेर घुराते हुए गुस्से में लोमड़ी के पीछे भागता है। बेचारा लोमड़ शेर से डर के मारे इतना तेज भागा कि उसे पता ही नहीं चला कि वह जंगल से बाहर निकल चुका है और दौड़ते दौड़ते वह पास के शहर में जा पहुंचा। वह शहर पहुंचने के बाद रुका वह बहुत हांप रहा था। वह बोला
लोमड़ी : शेर तू बहुत पछताएगा एक दिन मेरा दिन आएगा
ऐसा कहकर वह शहर के अंदर चला गया और वहां की ऊंचे ऊंचे घरों को देख कर बोलता है।
लोमड़ी : ओ वाह! यह होती है मजेदार जिंदगी क्या सुंदर घर है । इनके पास घर है यह लोग पानी ला सकते हैं और खाना गरम गरम मसालों में भी पका सकते हैं। ओहो हम ऐसी जिंदगी जीने का ही तो ख्वाब देखते हैं! है ना
लोमड़ी वहां के घरों को देख रहा था उसी वक्त शहर के दो कुत्ते आ गए और उसे देख कर कहने लगे
पहला कुत्ता : भाऊ भाऊ यह कौन है जो हमारे गांव में घुसा चला आ रहा है
दूसरा कुत्ता : वह जो भी है लग तो हमारी बिरादरी काही है भाऊ भाऊ
पहला कुत्ता : इसे भगाना होगा इससे पहले की यह इन सब गांव वालों का दिल जीत ले
दूसरा कुत्ता : तूने तो दिल की बात कह दी यारा चल इसे भगाते हैं भाऊ भाऊ
वह दोनों कुत्ते लोमड़ी की तरफ दौड़ पड़े और जोर-जोर से भागना शुरू कर दिए
लोमड़ी : अरे हाय मेरे नए दोस्तों
लेकिन उन दोनों कुत्तों ने उसकी बात नहीं सुनी और उसे दौड़ आने लग गए
लोमड़ी : ओहो! नहीं लगता है इन्हें कोई गलत फैमिली हुई है।
वह दोनों कुत्ते उससे बहुत तेजी से दौड़ आने लग गए लोम्ड भाग रहा था , उसे लग रहा था कि वह दोनों कुत्ते आज उसे छोड़ेंगे नहीं
लोमड़ी : अरे मैं क्या करूं अरे मैं क्या करूं इन से कैसे बचू।
उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था वह डर के मारे धोबी के घर में घुस गया। धोबी के घर में घुसते ही साथ वह छुपने की कोशिश करने लगा लेकिन वहां जाके नील से भरे बर्तन में जाकर गिर गया।
कुत्ते जोश के पीछे भाग रहे थे वह उन्हें कहीं नहीं मिला थक हार कर वह दोनों भी वापस चले गए। थोड़ी देर बाद लोमड़ी इधर उधर देखा। देखने के बाद जब उसे लगा कि कुत्ते जा चुके हैं तब वह बाहर आया।
लोमड़ी : ओहो इतनी बुरी किस्मत पहले वह शेर पीछे पड़ गया अब यह दोनों कुत्ते मेरे गले पड़ गए थे
वह थक गया था और जंगल की ओर चलने लगा लेकिन उसे यह नहीं पता था कि वह नीले रंग का हो गया है। जंगल के जानवर भी अब उसे नहीं पहचान पा रहे थे
हाथी : ओएमजी! वह कौन है
हिरण : सोच रहा हूं वह चीज असल में है क्या।
बंदर : जान बचानी है तो भागो यहां से भागो...
लोमड़ बाकी जानवरों को खुद से डर कर भागता हुआ देखकर हैरान हो गया उसने उन सब जानवरों को नजरअंदाज कर दिया और नदी की ओर पानी पीने चला गया।
चिड़िया : भागो यह कौन आ गया है पानी पीने
दूसरी चिड़िया : भागो पता नहीं यह अजीब सा जानवर जंगल में कहां से आ गया।
लोमड़ी : अरे पता नहीं यह क्या हो रहा है आज मेरे साथ सारे जानवर मेरे से डर के भाग क्यों रहे हैं।
वह जैसे ही नदी से पानी पीने के लिए नदी में झुका उसने अपनी परछाई देखी और वहां हैरान हो गया तब उसे समझ आया जंगल के बाकी जानवर उससे डर क्यों रहे हैं उसे एक आईडी आया लोमड़ पूरे कॉन्फिडेंस के साथ उस बड़े पत्थर की ओर चला गया जो शेर का सिंहासन था । वह उस पर जाकर बैठ गया और उसने बाकी सभी जानवरों को बुलाया
लोमड़ी : दोस्तों यह सभा मैंने इसीलिए बुलाई है
बिना कुछ सोचे समझे सारे जानवर वहां इकट्ठा होगा यहां तक के जंगल का राजा भी जो थोड़ा सा डरा हुआ था वह भी उस सभा में आया था
लोमड़ी : अरे दोस्तों तुम सब मेरे से डर कर यूं क्यों भाग रहे हो। यकीन मानो मेरे से डरने वाली कोई बात नहीं है तुम मुझे नहीं जानते लेकिन मैं ऊपर वाले का बनाया हुआ एक विचित्र प्राणी । उन्होंने मुझे भेजने से पहले कहा था की जंगल वालों के पास ऐसा कोई राजा नहीं जो की काबिल हो इसीलिए उन्होंने मुझे भेजा है तुम्हारा राजा बना कर।
शेर : ये क्या अब मैं राजा नहीं
लोमड़ी : तुम मेरे प्यारे दोस्तों अब से इस जंगल का राजा मैं हूं और इस जंगल में राज करूंगा। ऊपर वाले ने मुझसे यह भी कहा था की मैं अच्छे से राज करो ताकि तुम मेरी छत्रछाया में सुरक्षित रहो और इस जंगल में खुशी से जिंदगी जी सको।
समझ गए ना सब!
हिरण : हां
जिराफ : हां
सब जानवरों ने उसे अपना राजा स्वीकार कर लिया और जल्द ही लोमड़ वैसे जिंदगी जीने लगा जिसके बाद सपने देखा करता था।
लोमड़ी : मेरा खाना कहां है शेर
शेर : यह लीजिए महाराज यहां है आपका खाना
वाह मजे से बैठकर बाकी जानवरों के करतब देखता और बाकी जानवर उसके लिए शिकार करके उसके लिए भोजन का प्रबंध करते । कोई उसके बीएफ पानी लाता तो कोई उसके लिए मांस मटन। वह हर जानवर को अलग-अलग खेल खेलने के लिए कहता और वह खुद मजे से बैठकर खाना खाता।
लोमड़ी : तुम सब एक काम करो सब लाइन से खड़े हो जाओ और उस पेड़ के पास जाकर परेड करो। और मेडक कोई उछल कूद नहीं समझे
मेढक : जी हुजूर समझ गया।
दिन-ब-दिन ऐसे ही चलता गया लोमड़ और ज्यादा आलसी और लालची बनता जा रहा था
लोमड़ी : मैं चाहता हूं कि सारे जानवर लुका छुपी खेलें और मैं बैठकर सबको देखूं ।
वाह क्या जिंदगी है।
एक दिन हर शाम की तरह लोमड़ ने दरबार लगाया हुआ था लेकिन उस शाम कुछ अलग हुआ।
उस शाम उसने सुना कि कुछ लोमड़ गुरा रहे थे। पास ही के जंगल में कुछ लोमड़ गुरा रहे थे तो उनको सुनकर वह अपनी खुशी को रोक नहीं पाया और वह भी अपनी आवाज में गुरूर आने लगा
लोमड़ी : हाउ हाउ हाउ हाउ ...
इस आवाज को जंगल के सारे जानवर पहचानते थे उसका गुराना ।
लोमड़ी : हाउ हाउ हाउ हाउ ...
नानी की कहानियां |
शेर और बाकी सभी जानवर तुरंत समझ गए जो इतने दिन से उन पर राज कर रहा था वह तो जंगल का अलसी लोमड़ी है जिसे कोई ऊपर वाले ने नहीं भेजा। बस फिर क्या था सभी जानवर उसके पीछे भागने लगे और वह जाकर नदी में कूद गया। पानी से उसका सारा रंग निकल गया
शेर : धोखेबाज अगर तुम मुझे मेरे राज्य में दोबारा दिखाई दिए तो मैं तुम्हें जिंदा नहीं छोडूंगा।
लोमड़ इतना बेइज्जत हुआ कि वह वहां से चला गया और कभी नहीं दिखा। एक जंगल से दूसरे जंगल भटकता रहा और थका हारा जानवरों से भीख मांगता रहा कि उसे बाहर रहने दे लेकिन यह कहानी हर जगह फैल गई थी कि वह कौन है।
आखिरकार हर लोमड़ को समझ आ गया था की लालच बुरी बला इसीलिए जीवन में कोई शॉर्टकट नही है
निष्कर्ष :-
छोटे बच्चो की कहानियां और कहानी अच्छी अच्छी का नीला लोमड़ी कहानी पूरा पढ़ने के बाद हमे यह शिक्षा मिलती है की ,लालच बुरी बला है और जीवन में कोई शॉर्टकट नहीं लेना चाहिए । मेहनत करके खाना चाहिए।
हम उम्मीद करते है की आपको कहानी इन हिंदी और बच्चो की मजेदार कहानियां पड़कर आपको मजा आया होगा और कुछ नई शिक्षा भी मिली होगी ।
चलिए अब हम अपनी बच्चो की मनोरंजक कहानियाँ और बच्चो के लिए कहानियां को आगे पढ़ते है।
सच्ची घटना पर आधारित कहानी – Hindi Story And Bacchon Ki kahani
३. कर्मों का फल – एक सच्ची कहानी
एक बार की बात है एक गाय घास चरने के लिए जंगल में शाम को गई। वह घास चरने ही वाली थी कि उसने देखा एक बाघ उसकी और दबे पाव चला आ रहा है। वह डर के मारे इधर उधर भागने लगी, वह बाघ भी उसके पीछे दौड़ने लग, दौड़ते दौड़ते वहा गाय को एक तालाब दिखाई दिया वह उसमें जाकर छिप गई ।
वह बाघ भी उसका पीछा करते-करते तालाब के अंदर घुस गया । तब उन दोनों ने देखा वह तालाब ज्यादा गहरा नहीं था वह कीचड़ से भरा एक दल दल था ।
छोटे बच्चो की कहानियां कहानी अच्छी अच्छी |
दोनों की दूरी धीरे धीरे कम होते गई दोनों एक दूसरे के करीब आ गए, वह गाय धीरे धीरे कीचड़ में धंसने लगी और दोनों कुछ नहीं कर पा रहे थे। वह बाघ गाय के पास होते हुए भी उसे पकड़ नहीं पा रहा था और वह भी धीरे धीरे अंदर घुसने लगादो।
नों करीब-करीब गले तक उस कीचड़ में धस गए । वह दोनों हिल भी नहीं पा रहे थे। वह बाघ गाय के इतने करीब होने के बाद भी उसे पकड़ नहीं पा रहा था , थोड़ी देर बाद गाय ने उससे पूछा, क्या तुम्हारा कोई मालिक या गुरु है।
तब बाघ का मैं जंगल का राजा हूं मेरा कोई गुरु नहीं और कोई मालिक नहीं है। तब गाय ने बाघ से कहा लेकिन तुम्हारी उस शक्ति का यहां पर क्या काम , तब बाघ ने कहा तुम भी तो फस गई हो और मरने के करीब हो। तब गाय ने कहा बिल्कुल नहीं मेरा मालिक है वह जब शाम को घर आएगा और मुझे वहां नहीं पाएगा तब वह मुझे ढूंढते हुए यहां चला आएगा और मुझे इस कीचड़ से निकाल कर अपने साथ अपने घर ले जाएगा , पर तुम्हें कौन बचाएगा ।
थोड़ी देर में शाम हो गई , शाम होते होते एक आदमी वहां सचमुच में चला आया और गाय को कीचड़ से निकाल लिया और अपने साथ से घर ले जाने लगा जाते जाते गाय और उसके मालिक दोनों एक दूसरे को कृतज्ञ पूर्वक देखने लगे वह दोनों बाघ को कीचड़ से निकालना चाहते थे लेकिन चाह कर भी उसे कीचड़ से नहीं निकाल सकते थे क्योंकि उन्हें अपनी जान का खतरा था।
निष्कर्ष :-
दोस्तों आज की बच्चो की अच्छी अच्छी कहानियां और कहानी अच्छी अच्छी पढ़कर हमे यह शिक्षा मिलती है की , किसी पर निर्भर नहीं होना अच्छी बात है परंतु मैं ही सब कुछ हूं मुझे किसी की आवश्यकता नहीं है यही अहंकार है , और यहीं से विनाश का बीजारोपण हो जाता है। ( कहानी सुनाओ ) ईश्वर से बड़ा इस दुनिया में सच्चा हितैषी कोई नहीं होता क्योंकि वही हमारी अनेक रूपों में रक्षा करता है ।
कहानी इन हिंदी का चरित्र चित्रण :-
गाय समर्पित ह्रदय का प्रतीक है।
बाघ अहंकारी मन का प्रतीक है।
मालिक ईश्वर का प्रतीक है।
कीचड़ यह संसार है और संघर्ष अस्तित्व की लड़ाई है।
हम उम्मीद करते है की आज की Best Hindi story and bacchon Ki kahani और छोटे बच्चो की कहानियां पड़कर आपको नैतिक शिक्षा मिली होगी और हमारी नीले लोमड़ी की कहानी ( कहानी बताइए ) पढ़कर आपको मजा भी आया होगा । ऐसे ही हमारे छोटे बच्चो की कहानियां के आर्टिकल पढ़ने के लिए हमारे साथ बने रहे ।
3 टिप्पणियाँ
Nice story
जवाब देंहटाएंVery nice story🥰😍👍👍👌
जवाब देंहटाएंThank you so much to share hindi kahani
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