कहानी और उपन्यास मे अंतर – kahani Or Upanyas Me Antar क्या है

कहानी और उपन्यास मे अंतर – kahani Or Upanyas Me Kya Antar Hai जानें



आज के इस लेख मे हम कहानी और उपन्यास मे अंतर को जानेंगे । Kahani Or Upanyas Me Anatar जानना एक हिंदी भाषा प्रेमी के लिए सभी दृष्टिकोण से आवश्यक है । इसलिए हम आज आपको कहानी और उपन्यास में समानताएं और असमानताएं दोनो बताएंगे।


कहानी और उपन्यास में अंतर
कहानी और उपन्यास में अंतर


कहानी और उपन्यास मे कोई दो अंतर :–

कहानी अथवा उपन्यास दोनो साहितियक विधाएं एक ही प्रजाति के है , लेकिन स्वरूप की दृष्टिकोण से दोनो मे जितनी समानताएं है ,उसे अधिक असमानताएं भी उपलब्ध है। 


कहानी और उपन्यास मे समानताएं :– 


  1. कहानी और उपन्यास दोनो ही गद्य के स्वरूप या प्रकार है, गद्य के रूप मे ही लिखे जाते है । 
  2. कहानी और उपन्यास दोनो ६ तत्वों जैसे कथानक (कथावस्तू) , वातावरण , चरित्र , चित्रण , संवाद में माने गए है।
  3. दोनो की कथाएं और विधाएं किसी व्यक्ति , वस्तु या स्थान के जीवन के यथार्थ से जुड़ी हुई होती है , जिसमे एक लेखक अपनी विचारो , अनुभवों और संवेदनाओं को व्यक्तित्व करता है ।


इन्ही सब समनताओ के कारणवश कहानी और उपन्यास में  विद्वानों द्वारा केवल आकार और प्रकार को ही असमानता मे स्वीकार किया गया है। 






Kahani Or Upanyas Me Anatar - कहानी और उपन्यास मे कोई दो अंतर लिखिए 



बाबू गुलाब राय हिंदी साहित्य के एक विद्वान जिन्होंने  कहानी और उपन्यास में अंतर देने के माध्यम में एक छोटा सा व्यंग कहा है :– 


"एक कहानी को उपन्यास कहना वैसा ही होगा जैसे चौपाया होने की समानता के आधार पर एक मेढक को छोटा बैल और एक बैल को बड़ा मेढक कहना "


बाबू गुलाब राय जी के इस व्यंग्नात्मक विवेचन के माध्यम से अलग अलग कहानी और उपन्यास के महत्वपूर्ण बाते कुछ इस प्रकार है जो कहानी और उपन्यास मे सरल और स्पष्ट रूप से व्यापक अंतर को स्पष्ट करते है ।



कहानी और उपन्यास में अंतर – बाबू गुलाब राय जी के आधार पर


  • आकार में कहानी छोटी होती है और उपन्यास बड़ी ।

  • एक संपूर्ण कहानी में कथावस्तु हो भी सकता है और नही भी।

  • एक कहानी की कथा वैवध्य विहीन और संक्षिप्त होती है, लेकिन उपन्यास की कथा वविध्य पूर्ण और लंबी होती है।

  • एक लेखक को कहानी लिखते समय अपनी दृष्टि को एकत्रित करके किसी एक घटना और वास्तु पर ही लिखना पड़ता है, लेकिन वही दूसरी ओर उपन्यास लिखते समय एक लेखक को स्थानीय वातावरण , पत्रों के चरित्र चित्रण और पत्रों का चारित्रिक विकास इसके साथ ही उनका संघष भी समिलित और उपस्थित रहता है ।

  • एक कहानी की कथा किसी एक क्षण यहां से जुड़ी होती है, और उपन्यास की कथा लंबी और दिनों – दिनों तक की होती है, कभी कबर यह युगों युगों तक लंबी होती है।

  • गति के माध्यम से देखा जाए तो कहानी तीव्र गति में होती है और दूसरी ओर उपन्यास अत्यंत धीमी गति में लिखी जाती है।

  • एक कहानी में कभी भी एक से ज्यादा कथाएं नही होती और ना ही एक से ज्यादा प्रसंग। अगर किसी कहानी एक से ज्यादा प्रसंग होते भी है तो वह मुख्य कहानी के अंतर्गत होते है। लेकिन उपन्यास मे कथा का विकास होता है इसलिए इसमें एक से अधिक कथा और प्रसंग होते है।

  • एक कहानी मे सीमित पात्र ही होते है और उपन्यास में पत्रों का कोई सीमा नहीं है । 

  • कहानी मे अतिशय कल्पना और सदावट के लिए कोई स्थान नहीं होता परंतु उपन्यास मे वस्तु वर्णन या आख्यान की प्रधानता से किया गया विवरण पर्याप्त मात्रा में रहता है और कल्पना का अनंत प्रसार भी संभव होता है ।


यह सभी कहानी और उपन्यास में अंतर है उम्मीद है की आपको यह समझ आया होगा ।




कहानी और उपन्यास में कोई दो अंतर – Youtube Video से 





कहानी उपन्यास में अंतर Vip Top Classes के मध्यम से । कहानी और उपन्यास में कोई दो अंतर लिखिए इन्होंने बड़े ही सरल शब्दों में समझाया है ।


कहानी और उपन्यास मे असमानताएं अंतः –



हम आशा करते है की आपको कहानी और उपन्यास मे अंतर सरल और सहज शब्दो मे ज्ञात हुआ, एव आप हमारी इस रचना कहानी और उपन्यास में असमानताएं को प्रेरक एव लाभदायक सिद्ध हुआ होगा। Kahani Or Upanyas Me Antar जैसे ही रचनात्मक लेख जानने के लिए हमे फॉलो करे।

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